भोपाल। राजधानी भोपाल में फिर से डिजिटल अरेस्ट की घटना हुई. भोपाल में एक सप्ताह के अंदर डिजिटल अरेस्ट का ये तीसरा मामला है. सायबर जालसाजों ने कोहेफिजा में रहने वाले स्कूल संचालक को व उनकी पत्नी को निशाना बनाया. रातभर डरा-धमकाकर रखा. इस दौरान स्कूल संचालक को जब ठगी का अहसास हुआ तो वे सायबर सेल के दफ्तर पहुंचे. सायबर सेल में भी पुलिस के कहने पर उन्होंने फिर से मोबाइल के जरिए ठगों से संपर्क किया. जब नकली पुलिस का असली पुलिस का आमना-सामना हुआ तो और भी गजब हो गया. इस दौरान नकली पुलिस अफसरों ने असली पुलिस अफसरों को खुला चैलेंज दिया और कहा "दम है तो हमें पकड़कर दिखाओ."
आपत्तिजनक वस्तुओं से भरे पार्सल की जानकारी दी
भोपाल सायबर क्राइम के सहायक उपायुक्त सुजीत तिवारी ने बताया "निजी स्कूल के संचालक व प्राचार्य फरुख अंजुम खान कोहेफिजा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहते हैं. शनिवार दोपहर उनके मोबाइल पर एक कॉल आया." कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा "मैं डीएचएल से बात कर रहा हूं. दिल्ली से बैंकाक जाने वाला आपका एक पार्सल है, जोकि कस्टम में फंस गया है. आप कुछ क्लेरीफाई कर दें तो उसे आगे फारवर्ड किया जाए." फरुख ने कहा "मैंने कोई पार्सल नहीं भेजा है." इस पर व्यक्ति ने कहा "इसमें आपका आधार कार्ड लगा हुआ है." यह सुनते ही फरुख परेशान हो गए. इसके बाद सायबर जालसाजों ने फरुख को बताया "पार्सल में टाइगर की खाल, नाखून, 8 एटीएम कार्ड हैं. साथ ही इसमें 8 किलो कपड़े हैं. इसके अलावा 18 पासपोर्ट भी हैं."
मनी लांड्रिंग केस में फंसने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट किया
सामान की ये सूची सुनते ही फरुख घबरा गए. फरुख ने कहा "यह पार्सल मेरा नहीं है." इस पर खुद को डीएचएल का कर्मचारी बता रहे उस व्यक्ति ने कहा "अगर आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ है तो आप दिल्ली सायबर सेल में शिकायत कर दीजिए." इसके बाद उस व्यक्ति ने दिल्ली सायबर सेल से फोन कनेक्ट कर दिया. इस सेल के अधिकारियों ने स्काइप ऐप डाउनलोड करवाने के बाद स्क्रीन पर बात करना शुरू कर दी. जालसाजों ने बताया "आपके आधार कार्ड से अलग-अलग राज्यों में कई खाते खुले हैं. करोड़ों रुपए मनीलांड्रिंग का मामला भी है. आपके खिलाफ वारंट जारी करना होगा. 3 महीने तक जांच चलेगी." उन्होंने बैंक खातों की जानकारी ले ली. इसके बाद उन्होंने फरुख व उनकी पत्नी को कमरे कहीं भी बाहर नहीं जाने को कहा.
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जालसाजों ने भोपाल सायबर सेल टीम को दी चुनौती
जालसाजों ने फरुख से कहा "आप मोबाइल व लैपटॉप को टच नहीं करेंगे." रात हो जाने पर उन्होंने कहा "आप लोग लाइट बंद कर दीजिए. लेकिन स्क्रीन ऑफ नहीं करेंगे." अगले दिन सुबह फरुख को अहसास हो गया कि वे सायबर ठगों के जाल में फंस गए हैं. इसके बाद फरुख ने मोबाइल व लैपटॉप बंद किया और भोपाल सायबर सेल के दफ्तर पहुंच गए. फरुख से सायबर सेल टीम ने कहा "आप अपने मोबाइल व लैपटॉप के जरिए फिर से ठगों से जुड़ें." फरुख ने जैसे ही रि-कनेक्ट किया तो ठगों ने पूछा "आपने मोबाइल बंद क्यों किया. अपनी लोकेशन फिर से दिखाइये." फरुख ने जैसे ही कैमरा घुमाया तो सायबर सेल भोपाल का स्टाफ दिखा. असली पुलिस को देखते ही ठग भड़क गए तथा उन्होंने अनाप-शनाप बातें करना शुरू कर दीं. साथ ही उन्होंने असली पुलिस को धमकी भी दी "अगर दम हो तो हमें पकड़ कर दिखाएं."