भोपाल। भोपाल में 3 लोगों की जिंदगी बचाने के लिए एक बार फिर 2 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए. पहला ग्रीन कॉरिडोर सिद्धांता अस्पताल से चिरायु हास्पिटल तक बनाया गया. जबकि दूसरा सिद्धांता रेडक्रास अस्पताल से बंसल हास्पिटल तक बनाया गया. दरअसल 53 वर्षीय महेश नामदेव की ब्रेन हेमरेज की वजह से मृत्यु हो गई थी. ऐसे में उनके परिजनों ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए उनके आर्गन को डोनेट करने का सोचा और उनकी किडनी और लीवर दान कर दिया, जिससे 3 लोगों को नया जीवन मिल सके.
सिद्धांता रेडक्रास में 5 दिन से चल रहा था इलाज
मूल रूप से सागर निवासी महेश नामदेव ब्रेन हेमरेज के इलाज के लिए 5 दिन पहले सिद्धांता अस्पताल में भर्ती हुए थे. अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सुबोध ने बताया कि ब्रेन में अधिक ब्लीडिंग होने के कारण मंगलवार को मरीज ब्रेन डेड हो गए. उन्होंने बताया कि मरीज को कुछ समय पहले हार्ट अटैक आया था. इस दौरान उनके दिल में स्टंट डाले गए थे. जिसके बाद वे पूरी तरह से रिकवर हो गए थे.
ब्रेन डेड के बाद 3 अंग किए डोनेट
बुधवार को 3 नई जीवन जोत जलाने के लिए भोपाल में दो ग्रीन कारिडोर बनाए गए. नामदेव के शरीर से तीन अंग डोनेट किए गए. 53 वर्षीय महेश का लीवर बंसल अस्पताल में एक मरीज में प्रत्यारोपित किया जाएगा जबकि चिरायु अस्पताल में मरीज को किडनी लगा कर नया जीवन दिया गया. वहीं दूसरी किडनी का ट्रांसप्लांट सिद्धांता हास्पिटल में ही एक मरीज में किया गया.
5 मिनट में 4 किलोमीटर दूर पहुंचाया लीवर
सिद्धांता अस्पताल से बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे पहले ग्रीन कॉरिडोर के जरिए महेश का लीवर बंसल अस्पताल के लिए रवाना हुआ. साढ़े 4 किमी की दूरी एंबुलेंस ने पुलिस के अधिकारियों व आरक्षकों की मदद से 5 मिनट में पूरी कर ली. यह बंसल अस्पताल में भर्ती करोंद निवासी 49 वर्षीय मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाएगा. मरीज को डाक्टर ने एक साल पहले लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की सलाह दी थी लेकिन आर्गन डोनर नहीं मिलने के कारण सर्जरी नहीं हो पा रही थी. लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डा. गुरसागर सिंह सहोता मरीज की सर्जरी करेंगे. बुधवार शाम को शुरू हुई इस सर्जरी में 10 से 12 घंटे का समय लगेगा.
ये भी पढ़ें: जबलपुर में बनाया गया अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर, भोपाल भेजा जा रहा है रमेश शराफ का लिवर |
12 मिनट में 14.5 किलोमीटर दूर पहुंचाई किडनी
सिद्धांता अस्पताल से दोपहर करीब 2 बजकर 35 मिनट के करीब ग्रीन कॉरिडोर से एक किडनी चिरायु अस्पताल भेजी गई. 14.5 किमी की दूरी एंबुलेंस ने सिर्फ 12 मिनट में तय कर ली. इस दौरान यातायात पुलिस के 97 अफसरों और आरक्षकों का बल लगाया गया था.