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आज भूलकर भी इस वक्त न बांधे राखी, एक बहन ने की थी ऐसी गलती तो भाई ने चुकाई कीमत - Bhadra effect on Raksahbandhan

Bhadra effect on Raksahbandhan: इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है. ऐसे में हिंदू शास्त्रों के मुताबिक बहनें अपने भाइयों की कलाई पर दोपहर बाद ही राखी बांध पाएंगी. जानें भद्राकाल को लेकर क्या कहते हैं हिंदू शास्त्र और किस तरह से भद्रा काल के खतरे को टाला जा सकता है.

BHADRA EFFECT ON RAKSAHBANDHAN
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 18, 2024, 5:49 PM IST

Updated : Aug 19, 2024, 8:43 AM IST

कुल्लू: देशभर में आज राखी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सोमवार के दिन भद्रा भी पड़ रही है. हालांकि भद्रा का वास पाताल में रहेगा, जिसका असर पृथ्वी पर भी दिखने को मिलेगा. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता.

आचार्य राजकुमार शर्मा ने बताया "शास्त्रों में भद्रा काल को अशुभ काल माना जाता है और भद्रा के मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है. इसके अलावा एक पौराणिक कथा के मुताबिक जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह पूरी सृष्टि में तबाही मचाने लगी और धार्मिक पूजा-पाठ व अनुष्ठान जैसे मांगलिक कार्यों में जाकर उसमें रुकावट पैदा करती थी इसलिए ब्रह्मा जी ने उसे अलग-अलग समय पर स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक में भेज दिया ताकि पृथ्वी लोक पर पूजा और अनुष्ठान बिना किसी बाधा के किए जा सके. ऐसे में भद्रा कुछ समय के लिए पृथ्वी पर आती है. जब भद्रा पृथ्वी पर आती है तो उस समय को अशुभ माना जाता है."

रावण के कुल का भी हुआ था नाश !

आचार्य राजकुमार शर्मा बताते हैं "पौराणिक कथाओं के मुताबिक शूर्पणखा ने भी अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी जिसके चलते एक साल के अंदर ही रावण के पूरे कुल का विनाश हो गया था ऐसे में हिंदू शास्त्रों के मुताबिक भद्रा काल में राखी बांधने की मनाही रहती है."

भद्रा में राखी बांधने पर क्या करें महिलाएं

वैसे तो हिंदू मान्यताओं के मुताबिक भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है, लेकिन अगर किसी कारण या मजबूरी में भद्रा के दौरान बहन को अपने भाई को राखी बांधनी पड़े तो बहनें कुछ उपाय भी कर सकती हैं. अगर बहनें भद्रा के दौरान अपने भाई को राखी बांध रही हैं तो उन्हें व्रत रखना होगा और भद्रा के 12 नामों का स्मरण करना होगा, ताकि भद्रा का बुरा प्रभाव भाई के जीवन में ना पड़े.

ये हैं भद्रा के 12 नाम

ऐसे में बहन अपने भाई की सलामती के लिए भद्रा के 12 नाम धन्या, दधमुखी, भद्रा, महामादी, खराना, कालरात्रि, महारुद्रा, विष्टि, कुल पुत्रिका, भैरवी, महाकाली और असुर क्षयकारी का जाप अवश्य करें.

RAKSAHBANDHAN 2024
रक्षाबंधन 2024 (ETV Bharat)

इस साल रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

आचार्य आशीष कुमार ने बताया कि 19 अगस्त को दोपहर 1:29 के बाद भद्रा समाप्त होगी. भद्र समाप्त होने के बाद ही बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांध पाएंगी. ऐसे में इस साल रक्षाबंधन पर दोपहर 1:30 बजे से लेकर रात 9 बजे के बीच राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बन रहा है.

ये भी पढ़ें: भद्राकाल में भूलकर भी राखी न बांधे बहनें, जानें शुभ मुहूर्त...जिससे भाई को लंबी उम्र के साथ मिलेगी सुख समृद्धि

ये भी पढें: क्या होता है भद्रा काल? क्यों इसकी उपस्थिति में नहीं करना चाहिए कोई शुभ काम

ये भी पढ़ें: यहां भाई की कलाई पर रहती है भाभी और साली की नजर, दशहरे से पहले तोड़नी होती है राखी

ये भी पढ़ें: रक्षाबंधन पर रहेगा भद्राकाल, जानें किस समय बहनें बांध सकती हैं भाई की कलाई पर राखी ?

कुल्लू: देशभर में आज राखी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सोमवार के दिन भद्रा भी पड़ रही है. हालांकि भद्रा का वास पाताल में रहेगा, जिसका असर पृथ्वी पर भी दिखने को मिलेगा. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता.

आचार्य राजकुमार शर्मा ने बताया "शास्त्रों में भद्रा काल को अशुभ काल माना जाता है और भद्रा के मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है. इसके अलावा एक पौराणिक कथा के मुताबिक जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह पूरी सृष्टि में तबाही मचाने लगी और धार्मिक पूजा-पाठ व अनुष्ठान जैसे मांगलिक कार्यों में जाकर उसमें रुकावट पैदा करती थी इसलिए ब्रह्मा जी ने उसे अलग-अलग समय पर स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक में भेज दिया ताकि पृथ्वी लोक पर पूजा और अनुष्ठान बिना किसी बाधा के किए जा सके. ऐसे में भद्रा कुछ समय के लिए पृथ्वी पर आती है. जब भद्रा पृथ्वी पर आती है तो उस समय को अशुभ माना जाता है."

रावण के कुल का भी हुआ था नाश !

आचार्य राजकुमार शर्मा बताते हैं "पौराणिक कथाओं के मुताबिक शूर्पणखा ने भी अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी जिसके चलते एक साल के अंदर ही रावण के पूरे कुल का विनाश हो गया था ऐसे में हिंदू शास्त्रों के मुताबिक भद्रा काल में राखी बांधने की मनाही रहती है."

भद्रा में राखी बांधने पर क्या करें महिलाएं

वैसे तो हिंदू मान्यताओं के मुताबिक भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है, लेकिन अगर किसी कारण या मजबूरी में भद्रा के दौरान बहन को अपने भाई को राखी बांधनी पड़े तो बहनें कुछ उपाय भी कर सकती हैं. अगर बहनें भद्रा के दौरान अपने भाई को राखी बांध रही हैं तो उन्हें व्रत रखना होगा और भद्रा के 12 नामों का स्मरण करना होगा, ताकि भद्रा का बुरा प्रभाव भाई के जीवन में ना पड़े.

ये हैं भद्रा के 12 नाम

ऐसे में बहन अपने भाई की सलामती के लिए भद्रा के 12 नाम धन्या, दधमुखी, भद्रा, महामादी, खराना, कालरात्रि, महारुद्रा, विष्टि, कुल पुत्रिका, भैरवी, महाकाली और असुर क्षयकारी का जाप अवश्य करें.

RAKSAHBANDHAN 2024
रक्षाबंधन 2024 (ETV Bharat)

इस साल रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

आचार्य आशीष कुमार ने बताया कि 19 अगस्त को दोपहर 1:29 के बाद भद्रा समाप्त होगी. भद्र समाप्त होने के बाद ही बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांध पाएंगी. ऐसे में इस साल रक्षाबंधन पर दोपहर 1:30 बजे से लेकर रात 9 बजे के बीच राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बन रहा है.

ये भी पढ़ें: भद्राकाल में भूलकर भी राखी न बांधे बहनें, जानें शुभ मुहूर्त...जिससे भाई को लंबी उम्र के साथ मिलेगी सुख समृद्धि

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Last Updated : Aug 19, 2024, 8:43 AM IST
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