बस्तर: बस्तर विकास पुनर्गठन के बाद पहली बार चित्रकोट में बैठक हुई. बस्तर के प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के पास हुए इस बैठक में सीएम और डिप्टी सीएम शामिल हुए. तीन घंटे तक चली बैठक में बस्तर क्षेत्र के विकास को लेकर रणनीति बनाई गई. सीएम ने कहा कि इस बार इस बार की बैठक में पिछले कामों की चर्चा हुई. इस बार भी मंत्रियों और सांसदों ने विधायकों के साथ मिलकर बढ़िया सुझाव सामने रखे हैं. सीएम ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में विकास के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण की स्थापना की गई है.
बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक: सीएम ने कहा कि बस्तर में शांति के साथ साथ विकास का काम भी तेजी से हो इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि बस्तर में संसाधनों की कमी नहीं है. DMF और CSR के मद में मिले पैसों से भी विकास का काम किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि पांच जिलों का चयन कर उन जिलों में नियद नेल्लानार योजना का विस्तार किया जाएगा. योजना के तहत नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाएंगे. इस काम के लिए 70 से 75 करोड़ का खर्च आएगा. उसके लिए बजट भी हमारे पास है.
कवासी लखमा का बैठक पर तंज: पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक जनता के लिए निराशाजनक है. बस्तर के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है. एनएमडीसी स्टील प्लांट नगरनार के पास सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोलने के लिए जमीन सुरक्षित रखा गया था. लखमा ने कहा कि अस्पताल के लिए रखी गई जमीन को अब निरस्त कर दिया गया है. लखमा ने कहा कि लोगों को बेहतर जिंदगी मिले इसके लिए कंपनी को जमीन दी गई थी. लखमा ने कहा कि सरकार की दलील है कि डिमरापाल में अस्पताल बन रहा है इसके चलते नगरनार में अस्पताल खोलने का फैसला निरस्त हुआ.
बस्तर के विकास के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. बस्तर में शांति हो इसके लिए विकास जरुरी है. नियद नेल्लार योजना का हम विस्तार करने जा रहे हैं. :विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री
पहले कलेक्टर दफ्तर में बैठक होती थी अब मीटिंग करके पिकनिक मना रहे हैं. होटल में पान ठेला में शराब बिक्री होगा. लोग पीकर सो जाएंगे. :कवासी लखमा, पूर्व मंत्री
नियद नेल्लानार योजना का होगा विस्तार: शासन ने साफ कर दिया है कि नियद नेल्लानार योजना के तहत बस्तर में तेजी से विकास काम चलेगा. सुरक्षा कैंपों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. पूरे बस्तर में एंटी नक्सल ऑपरेशन को जोर शोर से चलाया जा रहा है. सरकार की कोशिश है कि बस्तर के लोगों तक सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचे. खुद केंद्रीय गृहमंत्री और प्रदेश के सीएम ने कहा है कि साल 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त कर दिया जाएगा.