बाड़मेर. मेडिकल कॉलेज में कार्यरत चिकित्सक शिक्षक मंगलवार को कार्य बहिष्कार करते हुए दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. इन चिकित्सक शिक्षकों की मांग है कि उनका डाइंग कैडर खत्म किया जाए और उन पर राजस्थान सर्विस रूल्स लागू किया जाए. चिकित्सक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
राजस्थान चिकित्सा शिक्षा सोसायटी (राजमेस) के चिकित्सकों ने कहा कि उन पर डाइंग कैडर की बजाय राज्य सेवा नियम लागू किए जाए. चिकित्सक शिक्षकों ने जिला अस्पताल परिसर में हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. बाड़मेर मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शेखावत के मुताबिक 15 जुलाई को वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बजट सत्र में यह घोषणा की थी कि राजमेस में भी राज्य सेवा नियमों को लागू किया जाएगा, लेकिन सरकार ने इस घोषणा में भेदभाव किया. राजमेस ने इन नियमों को वर्तमान में कार्यरत सभी चिकित्सक प्रोफेसरों पर लागू नहीं किया, बल्कि आगामी 1 अगस्त 2024 के बाद ज्वाइनिंग करने वाले चिकित्सक प्रोफेसर पर ही इसे लागू किया जाएगा. वर्तमान में कार्यरत सभी चिकित्सक प्रोफेसरों को डाइंग कैडर घोषित करने का निर्णय किया है.
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उन्होंने कहा कि बीते कई सालों से अब तक कार्य करने वाले चिकित्सक प्रोफेसरों के साथ यह धोखा है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार डाइंग कैडर खत्म करके राजस्थान सर्विस नियमों को समान रूप से लागू करें ताकि वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक प्रोफेसरों को भी इसका लाभ मिल सके. डॉ. गढ़वीर ने बताया कि 22 जुलाई से मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षक हड़ताल पर है. राजमेस के अंडर बाडमेर मेडिकल कालेज में 45 चिकित्सक शिक्षक लगे हुए हैं. हमारी मांग है कि डाइंग कैडर को समाप्त करके आरएसआर लागू किया जाए.