लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अकबरनगर में ध्वस्तीकरण पर 21 फरवरी तक के लिए रोक बढ़ा दी है. वहीं, सुनवाई के दौरान एक याची रामू बाल्मिकी ने एलडीए की बसंत कुंज योजना में पुनर्वास के तहत फ्लैट दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने की मंशा जताई है. इस पर न्यायालय ने उसे तीन दिनों में उपाध्यक्ष एलडीए के समक्ष आवेदन देने के लिए कहा है. इसके साथ ही 21 फरवरी तक उक्त याची के मामले में कार्रवाई पूर्ण कर लेने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अकबरनगर के निवासियों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया. मामले में एलडीए की ओर से दाखिल प्रति उत्तर में कहा गया कि पुनर्वास के तहत अकबरनगर के ईडब्ल्यूएस वर्ग में आने वाले निवासियों को बसंत कुंज योजना में 15 लाख रुपये कीमत के फ्लैट मात्र चार लाख 79 हजार रुपये में दिए जा रहे हैं. कहा गया कि इसके लिए आवेदक को पांच हजार रुपये के शुल्क से पंजीकरण कराना होगा.
इसके बाद उस फ्लैट पर कब्जा दे दिया जाएगा. चार लाख 79 हजार रुपये भी आवेदक को दस साल की आसान किश्तों में देना होगा. कहा गया कि ईडब्ल्यूएस के अतिरिक्त वर्ग के लोगों को फ्लैट की कीमत का 15 प्रतिशत भुगतान हायर-परचेज आधार पर करना होगा और उन्हें भुगतान करते ही कब्जा दे दिया जाएगा. यदि वे फ्लैट की पूरी कीमत का भुगतान 45 दिनों में कर देते हैं तो उन्हें छह प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी दी जाएगी.
सुनवाई के दौरान याची रामू बाल्मिकी के अधिवक्ता ने बताया कि उक्त याची ईडब्ल्यूएस वर्ग का है. एलडीए का ईडब्ल्यूएस के व्यक्तियों के लिए दिया गया प्रस्ताव उसे स्वीकार है. वहीं, दूसरे याचियों की ओर से प्रस्ताव के सम्बंध में एक दिन का समय दिए जाने की मांग की गई. इस पर न्यायालय ने मामले को गुरूवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.