बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में जिला आबकारी अधिकारी पर शराब दुकान के प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारियों ने मारपीट का आरोप लगाया है. पुलिस के पास शिकायत भी दी गई है. जिला आबकारी अधिकारी ने मारपीट और लूटपाट के आरोप का खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया है.
वाड्रफनगर में शासकीय विदेशी मदिरा दुकान के कर्मचारियों का आरोप है कि जिला आबकारी अधिकारी सुनील सूर्यवंशी अपने साथ आलोक गुप्ता नाम के युवक को लेकर शराब दुकान में पहुंचे. फिर सीसीटीवी बंद कर मारपीट और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया. कर्मचारियों ने 77 हजार रुपये लूट की शिकायत की है.
आबकारी अधिकारी ने आरोपों को बताया फर्जी: जिला आबकारी अधिकारी सुनील सूर्यवंशी ने भी मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि ''वाड्रफनगर शराब दुकान में प्लेसमेंट एजेंसी ने तीन कर्मचारियों की नियुक्ति की थी. उन्हीं कर्मचारियों के दस्तावेज सत्यापन के लिए वाड्रफनगर विदेशी मदिरा दुकान में गए थे.''
''जांच करने पर हमने पाया कि शराब दुकान में काम करने वाले प्लेसमेंट कर्मचारी बिहार, झारखंड के थे. यहां फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर काम कर रहे थे. मारपीट का आरोप फर्जी है. किसी प्रकार से उनके साथ मारपीट नहीं की गई है. ना ही किसी प्रकार के पैसा का लेनदेन किया गया है.'' सुनील सूर्यवंशी, जिला आबकारी अधिकारी
जांच के बाद होगी आगे कार्रवाई: इस मामले में वाड्रफनगर के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी रामावतार धुर्वे ने बताया कि शिकायत पुलिस के पास आई है. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.
''आबकारी विभाग भी जांच कर रहा है. जांच पूरी होने पर उसके आधार पर संबंधित लोगों पर कार्यवाही की जाएगी.''- रामवतार धुर्वे, SDOP वाड्रफनगर
आबकारी अधिकारी ने आरोपों से किया इनकार: बलरामपुर जिले के आबाकारी अधिकारी पर प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारियों ने आरोप लगाए हैं जबकि आबकारी अधिकारी ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह शराब दुकान में जांच करने गए थे. जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा की इस मामले में कितनी सच्चाई है.