बलरामपुर : जिला अभिलेखागार बलरामपुर-रामानुजगंज में ग्राम महावीरगंज के साल 1954-55 के अधिकार अभिलेखों में भारी गड़बड़ी पाई गई है. साल 1954-55 के अधिकार अभिलेखों में जांच दल ने अवैध एंट्री का पता लगाया है. जिसके बाद बलरामपुर कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने इसे निरस्त करने का आदेश जारी किया है.
अवैध प्रविष्टियों को विलोपित करने के निर्देश : संदेहास्पद और अधिकाररहित प्रविष्टियों की व्यापक जांच के बाद अवैध बटांकन को समाप्त करने का फैसला किया गया है. कलेक्टर ने रामानुजगंज तहसीलदार को इन अवैध प्रविष्टियों को 1954-55 के अधिकार अभिलेखों से विलोपित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही एक सप्ताह के भीतर इस कार्य की पुष्टि कर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
बड़े पैमाने पर अवैध प्रविष्टियों की पहचान : ग्राम महावीरगंज के साल 1954-55 के अधिकार अभिलेखों में जांच के दौरान पाया गया कि खाता क्रमांक 16, 73, 11, 14, 21, 30, 40, 92 और 53 में कई नामों पर भूमि की प्रविष्टियां वैधानिक अधिकारों के बिना ही दर्ज की गई. जिन नामों पर ये प्रविष्टियां पाई गईं, उनमें इसहाक, सागर, खेलावन, गुलाम नबी, मोइनुद्दीन, चांद मोहम्मद, मंगरी और रसुलन शामिल हैं.
बिना स्वीकृति के जमीनों का किया बटांकन : जिला अभिलेखागार की जांच में यह भी पाया गया कि इन प्रविष्टियों में बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के जमीनों का बटांकन किया गया है. चालू नक्शा शीट में कुछ प्रविष्टियों को गांव की सीमा के बाहर दर्ज किया गया है. काली और लाल स्याही से की गई यह प्रविष्टियां संदिग्ध और कूटरचित पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इन प्रविष्टियों में गंभीर अनियमितताएं थीं.
कलेक्टर ने दिया निरस्तीकरण का आदेश : जांच दल की सिफारिशों और प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने इन अवैध प्रविष्टियों को निरस्त करने का आदेश दिया है. जिसका उद्देश्य भूमि विवादों को सुलझाना और अवैध प्रविष्टियों को समाप्त करना है.
कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने बताया, इस मामले में बलरामपुर कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने बताया, महावीरगंज तहसील रामानुजगंज का मामला है, जो अधिकार अभिलेख 1954-55 का है. उसमें काफी संख्या में नई प्रविष्टियां देखी गई. यह मामला 2018 में प्रकाश में आया था, जिसमें तत्कालीन कलेक्टर ने इसके लिए जांच समिति बनाकर एफआईआर भी दर्ज कराई थी.
अभी अपीलीय न्यायालय में है, लेकिन उसमें जो राजस्व रिकार्ड को जांच करने के बाद रिपोर्ट आना था, वह नहीं आ पाया. वर्तमान अधिकारियों से हमने जांच करके और राजस्व अभिलेखों के साथ मिशल बंदोबस्त और वर्तमान जांच प्रतिवेदन प्राप्त कर प्रकरण दर्ज किया और तकरीबन 400 हेक्टेयर रकबा, जिसमें अवैध प्रविष्टियां की गई थी, जो वास्तविक में शासकीय जमीन थी. : रिमिजियुस एक्का, कलेक्टर, बलरामपुर
अवैध प्रविष्टि वाले खातेदारों की सूची : जिला अभिलेखागार की जांच में कुल 855 से अधिक एकड़ भूमि की अवैध प्रविष्टियों का पता चला है. इन प्रविष्टियों को न केवल अवैध, बल्कि गांव की सीमाओं से बाहर बटांकित पाया गया.
खाता क्रमांक 16 में रकबा 94.93 एकड़ पर इसहाक,
खाता क्रमांक 73 में रकबा 94.20 एकड़ पर सागर,
खाता क्रमांक 11 में रकबा 98.40 एकड़ पर खेलावन,
खाता क्रमांक 14 में रकबा 90.70 एकड़ पर गुलाम नबी,
खाता क्रमांक 21 में रकबा 95.32 एकड़ मोईनुद्दीन,
खाता क्रमांक 30 में रकबा 95.40 एकड़ जान मोहम्मद,
खाता क्रमांक 40 में रकबा 94.10 एकड़,
खाता क्रमांक 92 में रकबा 94.20 एकड़ पर मंगरी,
खाता क्रमांक 53 में रकबा 98.30 एकड़ पर रसुलन आदि के नाम शामिल थे.
जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई : बलरामपुर कलेक्टर की कार्रवाई से स्पष्ट है कि जिला प्रशासन भूमि और अभिलेखों की शुद्धता के प्रति गंभीर है. अवैध प्रविष्टियों को निरस्त करने का यह कदम जिले में भूमि विवादों को कम करने और हकदार व्यक्तियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है. इस आदेश के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध भूमि हड़पने जैसी समस्याओं पर नियंत्रण पाने में यह बड़ी काररवाई जिला प्रशासन ने की है.