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बलौदाबाजार में खुलेआम हो रही धान की बर्बादी, कब खुलेगी प्रशासन की नींद ? - Balodabazar paddy spoiled

बलौदाबाजार के धान खरीदी केन्द्रों में धान उठाव न होने से किसानों का धान खराब हो रहा है. बारिश के कारण कई बोरी धान खराब हो गई. इसके बाद अब धान अंकुरित होने लगा है. कई केन्द्रों में चूहा और दीमक भी धान की बोरी में रखे अनाज को नष्ट कर रहे हैं.

paddy getting spoiled in Balodabazar
बलौदाबाजार में किसानों का धान हो रहा खराब
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 12, 2024, 8:26 PM IST

Updated : Apr 13, 2024, 10:00 PM IST

बलौदाबाजार में सड़ रहा किसानों का धान

बलौदा बाजार: बलौदा बाजार में किसानों का धान सड़ रहा है. यहां धान उठाव न होने से समिति में रखे धान में कीड़े लग गए हैं. साथ ही चूहे भी धान की बोरियां काट रहे हैं. कुछ दिनों पहले हुई बेमौसम बारिश में भी कई बोरी धान की बर्बादी हुई. आलम यह है कि स्टोर किए हुए धान में न सिर्फ कीड़े लगे हैं बल्कि धान अंकुरित भी हो गए हैं. धान का उठाव नहीं होने से किसानों को परेशानी हो रही है.

समिति में रखा धान हो रहा खराब: समिति प्रबंधकों की मानें तो छत्तीसगढ़ में 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू हुई थी. इस बार प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के कारण सत्ता पाने के लिए राजनैतिक दल धान खरीदी पर कई घोषणाएं कर रहे थे. इसके बाद सत्ता पलटी. खरीदी के दौरान लगातार छुट्टी पड़ने और बारिश के कारण धान खरीदी की तारीख में बदलाव कर 4 फरवरी तक धान खरीदी की गई थी. लेकिन इस दौरान खरीदे गए धान की खुलेआम बर्बादी हो रही है.

धान खराब होने से हम परेशान हैं. प्रबंधकों ने हाईकोर्ट को भी मामले से अवगत कराया है. कोर्ट ने 30 दिनों में धान उठाव का आदेश दिया है. हालांकि 30 दिनों में 15 दिन से अधिक का समय बीत चुका है. धान उठाव न होने से भारी मात्रा में धान खराब हो रहे हैं. काफी मात्रा में धान सड़कर खराब हो रहा है. या फिर अंकुरित हो रहा है. प्रशासन को भी मामले से अवगत कराएं हैं.-समिति प्रबंधक

19 सौ करोड़ से अधिक राशि किसानों के खाते में डाली गई : बता दें कि बलौदा बाजार के 166 धान उपार्जन केन्द्रों में 1 लाख 60 हजार 817 किसान पंजीकृत हैं, इनमें से 1 लाख 56 हजार 713 किसानों से 87 लाख 21 हजार 632 क्विंटल धान की खरीदी की गई है, जो कि कुल रकबा का 97.45 प्रतिशत है. इसमें मोटा धान 2 लाख 15 हजार 714 मीट्रिक टन, पतला धान 5 हजार 542 मीट्रिक टन और सरना 6 लाख 50 हजार 907 मीट्रिक टन शामिल है. इसके एवज में सभी किसानों को कुल 19 सौ करोड़ 40 लाख 4 हजार 32 रुपये राशि का भुगतान किया गया. 799 करोड़ 66 लाख रुपए का भुगतान बाद में जिले के 15 सहकारी बैंक शाखाओं के माध्यम किसानों के खाते में किया गया.

हाईकोर्ट ने दिया 30 दिन का समय: चुनावी माहौल में धान सरकार की प्राथमिकता से हट चुका है. यही कारण है कि मार्कफेड से डीओ नहीं कट रहा. इसके कारण धान मिलिंग के लिए नहीं जा पा रहा है. समितियों से मिलर धान नहीं उठा रहे हैं. इससे जहां एक तरफ समिति प्रबंधक धान में नमी कम होने पर सूखा के लिए परेशान हैं. वहीं, बदलते मौसम की वजह से धान खराब हो रहा है. परेशान समिति प्रबंधकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट ने 30 दिन में धान का उठाव करने का आदेश दिया है, जिसमें 15 दिन बीत चुके हैं. अब सवाल ये है कि जो धान 2 माह में धान नहीं उठ पाया, क्या वो 15 दिनों में उठ पाएगा? क्या हाईकोर्ट के आदेश का पालन प्रदेश सरकार कर पायेगी?

बलौदाबाजार के किसानों को नहीं मिली धान खरीदी के अंतर की राशि, कलेक्टर को दिया आवेदन - Paddy Purchase Difference Amount
कोरिया में चूहे और धूप से सरकार को करोड़ों का चूना - Koriya Paddy
जितनी मेहनत धान उगाने में उससे ज्यादा बैंक से पैसे निकालने में, सुबह से शाम लाइन लगकर भी नहीं मिल रहे पैसे - Farmers Worried In Korba

बलौदाबाजार में सड़ रहा किसानों का धान

बलौदा बाजार: बलौदा बाजार में किसानों का धान सड़ रहा है. यहां धान उठाव न होने से समिति में रखे धान में कीड़े लग गए हैं. साथ ही चूहे भी धान की बोरियां काट रहे हैं. कुछ दिनों पहले हुई बेमौसम बारिश में भी कई बोरी धान की बर्बादी हुई. आलम यह है कि स्टोर किए हुए धान में न सिर्फ कीड़े लगे हैं बल्कि धान अंकुरित भी हो गए हैं. धान का उठाव नहीं होने से किसानों को परेशानी हो रही है.

समिति में रखा धान हो रहा खराब: समिति प्रबंधकों की मानें तो छत्तीसगढ़ में 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू हुई थी. इस बार प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के कारण सत्ता पाने के लिए राजनैतिक दल धान खरीदी पर कई घोषणाएं कर रहे थे. इसके बाद सत्ता पलटी. खरीदी के दौरान लगातार छुट्टी पड़ने और बारिश के कारण धान खरीदी की तारीख में बदलाव कर 4 फरवरी तक धान खरीदी की गई थी. लेकिन इस दौरान खरीदे गए धान की खुलेआम बर्बादी हो रही है.

धान खराब होने से हम परेशान हैं. प्रबंधकों ने हाईकोर्ट को भी मामले से अवगत कराया है. कोर्ट ने 30 दिनों में धान उठाव का आदेश दिया है. हालांकि 30 दिनों में 15 दिन से अधिक का समय बीत चुका है. धान उठाव न होने से भारी मात्रा में धान खराब हो रहे हैं. काफी मात्रा में धान सड़कर खराब हो रहा है. या फिर अंकुरित हो रहा है. प्रशासन को भी मामले से अवगत कराएं हैं.-समिति प्रबंधक

19 सौ करोड़ से अधिक राशि किसानों के खाते में डाली गई : बता दें कि बलौदा बाजार के 166 धान उपार्जन केन्द्रों में 1 लाख 60 हजार 817 किसान पंजीकृत हैं, इनमें से 1 लाख 56 हजार 713 किसानों से 87 लाख 21 हजार 632 क्विंटल धान की खरीदी की गई है, जो कि कुल रकबा का 97.45 प्रतिशत है. इसमें मोटा धान 2 लाख 15 हजार 714 मीट्रिक टन, पतला धान 5 हजार 542 मीट्रिक टन और सरना 6 लाख 50 हजार 907 मीट्रिक टन शामिल है. इसके एवज में सभी किसानों को कुल 19 सौ करोड़ 40 लाख 4 हजार 32 रुपये राशि का भुगतान किया गया. 799 करोड़ 66 लाख रुपए का भुगतान बाद में जिले के 15 सहकारी बैंक शाखाओं के माध्यम किसानों के खाते में किया गया.

हाईकोर्ट ने दिया 30 दिन का समय: चुनावी माहौल में धान सरकार की प्राथमिकता से हट चुका है. यही कारण है कि मार्कफेड से डीओ नहीं कट रहा. इसके कारण धान मिलिंग के लिए नहीं जा पा रहा है. समितियों से मिलर धान नहीं उठा रहे हैं. इससे जहां एक तरफ समिति प्रबंधक धान में नमी कम होने पर सूखा के लिए परेशान हैं. वहीं, बदलते मौसम की वजह से धान खराब हो रहा है. परेशान समिति प्रबंधकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट ने 30 दिन में धान का उठाव करने का आदेश दिया है, जिसमें 15 दिन बीत चुके हैं. अब सवाल ये है कि जो धान 2 माह में धान नहीं उठ पाया, क्या वो 15 दिनों में उठ पाएगा? क्या हाईकोर्ट के आदेश का पालन प्रदेश सरकार कर पायेगी?

बलौदाबाजार के किसानों को नहीं मिली धान खरीदी के अंतर की राशि, कलेक्टर को दिया आवेदन - Paddy Purchase Difference Amount
कोरिया में चूहे और धूप से सरकार को करोड़ों का चूना - Koriya Paddy
जितनी मेहनत धान उगाने में उससे ज्यादा बैंक से पैसे निकालने में, सुबह से शाम लाइन लगकर भी नहीं मिल रहे पैसे - Farmers Worried In Korba
Last Updated : Apr 13, 2024, 10:00 PM IST
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