बालोद : जिले में डोंडी लोहारा ब्लॉक के 5 गांव के किसान ग्राम खोलझर में खरीदी केंद्र खोलने की मांग लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे. ग्रामीणों का कहना है कि वो वनांचल क्षेत्र में रहते हैं. पहाड़ी रास्तों को सफर कर अपना धान बेचने जाते हैं. जिस भंवरमरा में वे धान बेचते हैं, वहां 15 राजस्व ग्राम आते हैं, जिसके कारण वहां पर काफी लेट लतीफी होती है. उन्हें वापिस घर आने में रात हो जाता है और जंगली जानवरों का भय भी रहता है. इसलिए नए खरीदी केंद्र बनाने की मांग ग्रामीणों ने की है.
मार्ग दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्र होने से परेशानी : ग्रामीण आशाराम ने बताया, "आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित भवंरमरा उपार्जन केन्द्र में 15 राजस्व ग्राम आते हैं. हम सभी कृषकगण ग्राम खोलझर, नलपानी, भिमदो, लुरकाझर एय. बुल्लुटोला के निवासी हैं. वर्तमान में सेवा सहकारी समिति मर्यादित मर्वरमरा तह. डौंडीलोहारा में धान बेचने जाते हैं, जो हमारे ग्रामो से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है. चूंकि धान विक्रय केन्द्र पहुंचने का मार्ग दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्र वाली है, जिसके कारण आवागमन में बहुत परेशानी होती है.
किसानों ने जमीन रखा है तैयार : किसान राजकुमार देवांगन ने बताया, "भंवरमरा खरीदी केन्द्र बड़े होने के कारण पंजीकृत किसानों की संख्या सर्वाधिक है. जिस वजह से समय सीमा के अंतर्गत किसानोंं को धान बेचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कृषक महिला वर्ग भी हैं, जो धान बेचते समय कभी शाम-रात होने पर वक्त पर घर नहीं पहुंच पाते. रास्ते में जंगल और पहाड़ी होने की वजह से बड़ी असुविधा होती है."
"धान खरीदी केन्द्र के लिए ग्रामवासियों द्वारा लगभग 1.49 हे. जमीन सहकारी खाद गोदाम के पास सुरक्षित रखा गया है. जिसके कारण ग्राम खोलझर में इसी वर्ष 2024-25 में धान खरीदी केन्द्र खोला जाना आवश्यक है." - राजकुमार देवांगन, किसान
ग्रामीणों का कहना है कि शासन द्वारा प्रदेश के किसानों से 21 क्विटंल प्रति एकड़ धान खरीदी करने जा रही है. इसी वजह से एक अन्य उपार्जन केन्द्र ग्राम खोलझर में खोलने की मांग किसान कर रहे हैं. खोलझर के अंतर्गत 5 ग्राम आते हैं. जहां लगभग 460 किसानों के 650 हे. रकबा में अनुमानित 34,000 क्विंटल धान खरीदी की जा सकती है.