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बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पूर्व विधायक मलिंगा को मिली जमानत रद्द - bail of ex MLA Malinga cancelled

एईएन से मारपीट के मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को जमानत मिल गई थी. अब राजस्थान हाईकोर्ट ने मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कर दिया है और 30 दिन में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 5, 2024, 5:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कर दिया है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़ित हर्षाधिपति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने आरोपी पूर्व विधायक मलिंगा को निर्देश दिए हैं कि वह 30 दिन में आत्मसमर्पण करें. अदालत ने माना कि जमानत मिलने के बाद मलिंगा ने इसका दुरुपयोग किया है.

याचिका में कहा गया कि 29 मार्च, 2022 को बाडी थाने में स्थानीय विधायक मलिंगा और उनके समर्थकों के खिलाफ याचिकाकर्ता पर हमला और मारपीट का मामला दर्ज किया था. घटना में एक साल पहले मलिंगा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत दी गई. जमानत होने के बाद उसने याचिकाकर्ता को धमकाया और जुलूस निकाल कर कानून का मजाक उड़ाया. मलिंगा के खिलाफ गवाह को धमकाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई है.

पढ़ें: Rajasthan High Court: एईएन से मारपीट के मामले में सरकार को चालान पेश करने के लिए दिया समय

याचिकाकर्ता घटना के बाद से अस्पताल में भर्ती है. ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द किया जाए. जिसका विरोध करते हुए मलिंगा की ओर से कहा गया कि उस पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और उसे मिली जमानत का दुरुपयोग नहीं किया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को मिली जमानत को रद्द कर उसे सरेंडर करने को कहा है. गौरतलब है कि मलिंगा के खिलाफ याचिकाकर्ता ने मार्च 2022 में मारपीट व एससी-एटी एक्ट में केस दर्ज कराया था. इसमें मलिंगा पर आरोप लगाया था कि विभाग के ऑफिस में मीटिंग के दौरान मलिंगा और उनके साथ 5-6 लोग आए और उन्होंने उनके साथ मारपीट की. जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कर दिया है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़ित हर्षाधिपति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने आरोपी पूर्व विधायक मलिंगा को निर्देश दिए हैं कि वह 30 दिन में आत्मसमर्पण करें. अदालत ने माना कि जमानत मिलने के बाद मलिंगा ने इसका दुरुपयोग किया है.

याचिका में कहा गया कि 29 मार्च, 2022 को बाडी थाने में स्थानीय विधायक मलिंगा और उनके समर्थकों के खिलाफ याचिकाकर्ता पर हमला और मारपीट का मामला दर्ज किया था. घटना में एक साल पहले मलिंगा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत दी गई. जमानत होने के बाद उसने याचिकाकर्ता को धमकाया और जुलूस निकाल कर कानून का मजाक उड़ाया. मलिंगा के खिलाफ गवाह को धमकाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई है.

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याचिकाकर्ता घटना के बाद से अस्पताल में भर्ती है. ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द किया जाए. जिसका विरोध करते हुए मलिंगा की ओर से कहा गया कि उस पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और उसे मिली जमानत का दुरुपयोग नहीं किया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को मिली जमानत को रद्द कर उसे सरेंडर करने को कहा है. गौरतलब है कि मलिंगा के खिलाफ याचिकाकर्ता ने मार्च 2022 में मारपीट व एससी-एटी एक्ट में केस दर्ज कराया था. इसमें मलिंगा पर आरोप लगाया था कि विभाग के ऑफिस में मीटिंग के दौरान मलिंगा और उनके साथ 5-6 लोग आए और उन्होंने उनके साथ मारपीट की. जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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