देहरादून: जोशीमठ भूधंसाव मामले को एक बार फिर बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने सवाल उठाया है. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के साथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन सचिव के अनुसार करीब 1200 लोग डेंजर जोन में है.अगर 1200 परिवार जोशीमठ से विस्थापित कर दिए जाएंगे तो फिर शहर कहां बचेगा. उन्होंने कहा कि अधिकांश शहर का भाग डेंजर जोन घोषित कर दिया गया है. इसलिए सरकार प्रभावितों को जोशीमठ के आसपास विस्थापित और उनका पुनर्वास करें.
बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने सरकार से तत्काल वहां के लोगों की भूमि और मकान के बदले मुआवजा दिए जाने की मांग की. कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को मुआवजा देने में भी हीलाहवाली कर रही है. राजेंद्र भंडारी का कहना है कि 1 साल से अधिक का वक्त बीत गया है, लेकिन अब तक स्थानीय लोगों को जमीनों का मुआवजा नहीं मिल पाया है और जिस कंपनी की वजह से आपदा आई, उसे डेंजर जोन में नहीं रखा गया है. उन्होंने जोशीमठ आपदा की रिपोर्ट पर संशय जताया है.
उनका कहना है कि निश्चित रूप से कंपनी को भी डेंजर जोन में शामिल किया जाना चाहिए था. उन्होंने जोशीमठ पावर प्रोजेक्ट को वहां से हटाने की मांग उठाई है और कहा कि शहर को सुरक्षित रखने के लिए कंपनी को वहां से हटाया जाना जरूरी है. राजेंद्र भंडारी ने साफ किया कि अब जोशीमठ के लोगों ने ठान लिया है कि हम जोशीमठ से बाहर नहीं जाने वाले हैं. अगर सरकार को विस्थापित करना ही है तो उनकी ओर से सुझाए गए स्थानों पर ही लोगों को विस्थापित किया जाए.
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