आजमगढ़: जिले में दलित की हत्या के मुकदमे में सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने एक आरोपी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. यह फैसला विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट जैनेंद्र कुमार पांडेय ने शनिवार को सुनाया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, वादिनी अनारा के पति सीताराम बरदह थाना क्षेत्र के सराय मोहन में लकड़ी की दुकान चलाते थे. सीताराम 2 फरवरी 2002 को दिन में लगभग ढाई बजे अपनी दुकान की मंडई में बैठे हुए थे. तभी सनाउल्लाह निवासी भैंसकुर थाना बरदह ने सीताराम को गोली मार दी. इससे मौके पर ही सीताराम की मृत्यु हो गई. घटना की साजिश सराय मोहन के रियाज अंसारी ने जमीन के विवाद में 50 हजार रुपये वसूलने के लिए रची थी. पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद रियाज अंसारी और सनाउल्लाह के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित की. मुकदमे के दौरान एनकाउंटर में रियाज पुलिस की गोली से मारा गया.
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता आलोक त्रिपाठी और इंद्रेश मणि त्रिपाठी ने अनारा देवी, राजेश कुमार, राधिका गौतम, बृजेश, शिवमूरत, डॉक्टर लालजी यादव, तत्कालीन क्षेत्राधिकारी श्याम नारायन सिंह, सीओ राधेश्याम और हेड कॉन्स्टेबल हीरालाल को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सनाउल्लाह को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
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