कुल्लू: सनातन धर्म में कई पौराणिक धार्मिक ग्रंथों का महत्व है. वहीं, हिन्दू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जीवन पर आधारित रामचरितमानस की विशेष मान्यता है. धार्मिक मान्यता है कि रामचरितमानस का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में दुख और दरिद्रता दूर हो जाते हैं. ऐसे में आइए जानते है कि किन रामचरितमानस पाठ करने से पहले किन-किन बातों का विशेष ख्याल रखा जाए.
22 जनवरी के दिन जहां अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. वहीं, इस शुभ दिन पर भक्त अपने घर में रामचरितमानस का पाठ कर सकते हैं. ताकि उनके जीवन में किसी भी प्रकार का दुख व संकट न आ सके. भगवान श्री राम को प्रसन्न करने के लिए रामचरितमानस का पाठ किया जाता है और रोजाना इसके पाठ से घर में खुशहाली आती है.
आचार्य दीप कुमार शर्मा का कहना है कि रामचरितमानस की रचना कवि तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में की थी. जिसमें उन्होंने भगवान राम, माता सीता के आदर्श आचरण का उदाहरण प्रस्तुत किया है. ऐसे में रामचरितमानस में भगवान राम और रावण के जीवन की भी कहानी है. रामचरितमानस मनुष्य को जीवन में हमेशा आगे बढ़ते हुए विजय प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है.
आचार्य दीप कुमार शर्मा ने कहा भक्तों को रामचरितमानस के पाठ करते समय कुछ बातों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. भक्त जब अपने घर में रामचरितमानस का पाठ करें तो सबसे पहले भगवान श्री राम की मूर्ति को चौकी पर रखें और सबसे पहले भगवान हनुमान जी का आह्वान करें. भक्त हनुमान जी को इस कथा के लिए आमंत्रित करें.
भगवान श्री राम की पूजा करने के लिए भक्त अपने घर में पहले पंचामृत तैयार करें और पंचामृत से भगवान की मूर्ति या चित्र को स्नान करें. उसके बाद इस पंचामृत को प्रसाद के तौर पर भक्त ग्रहण करें. भगवान राम को पीले रंग के वस्त्र को अर्पित करने का विधान शास्त्रों में कहा गया है. उसके बाद भक्त पुष्प अक्षत के साथ भगवान की पूजा करें और देसी घी का दीपक जलाकर भगवान राम का ध्यान करें. भक्त भगवान श्री राम के किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं. साथ में हनुमान चालीसा का भी पाठ करें. अंत में भगवान श्री राम जी की आरती कर प्रभु राम, माता सीता और हनुमान जी से अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करें.
मान्यता है कि भगवान राम की पूजा करने से पहले हनुमान जी का आह्वान करना आवश्यक होता है. तभी भक्त को अपनी पूजा का फल मिलता है. हनुमान जी का आह्वान करने के बाद गणपति का आह्वान करके भक्त रामचरितमानस का पाठ करें और पाठ के बाद भगवान राम की आरती करें. ऐसा करने से व्यक्ति को अपने जीवन में सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
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