रायपुर: भगवान कल्कि की जयंती हर साल सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. सनातन धर्म में इस जयंती का बड़ा महत्व माना गया है. यह दिन वैष्णव संप्रदाय के लोगों के लिए बेहद खास माना गया है. इस दिन श्रद्धा भाव से भगवान कल्कि की पूजा उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. सभी प्रकार के संकट और दुख दूर हो जाते हैं.
पुराणों में कल्कि अवतार का वर्णन : पंडित वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि "कल्कि जयंती श्रावण शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाएगी. कल्कि जयंती के बारे में हमारे पुराणों में भी वर्णन मिलता है. 24 अवतारों में भगवान का आखिरी अवतार कल्कि अवतार होगा. वर्तमान समय में भगवान कल्कि का जन्म नहीं हुआ है. लेकिन जब भगवान कल्कि का अवतार होगा तो वह भूमि का भार सहने के साथ ही पापी और दुष्ट का नाश करेंगे. साधु सन्यासी पुण्यात्मा गौ रक्षकों के लिए भगवान कल्कि का अवतार होगा.
''कल्कि केवल नाम ही नहीं है बल्कि कलयुग जब अपने अंतिम चरण में पहुंच जाएगा उस समय भगवान कल्कि अवतरित होंगे. वैदिक संस्कारों में यह कहा गया है कि व्रत उपवास पूजन भगवान के निकट जाने के लिए करते हैं. कल्कि जयंती के एक दिन पहले जातक सुबह खाना खाने के बाद रात्रि भोजन न करें और कल्कि जयंती के दिन व्रत उपवास करने के बाद अगले दिन यानी 11 अगस्त को अपने व्रत का पारण करें."- पंडित वेदप्रकाश शर्मा
कब शुरु होगी षष्ठी तिथि : पंचांग के अनुसार कल्कि जयंती सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि इस बार 10 अगस्त शनिवार को पड़ रही है. शनिवार की सुबह 3:14 पर शुरू होगा और इसका समापन 11 अगस्त को सुबह 5:44 पर होगा. उदयातिथि के मुताबिक कल्कि जयंती 10 अगस्त शनिवार को मनाई जाएगी. जातक अपनी सुविधा के अनुसार आज के दिन स्नान ध्यान से निवृत होकर विधि विधान से पूजा आराधना और उपासना करेंगे.
कल्कि जयंती का शुभ संयोग : कल्कि जयंती 10 अगस्त शनिवार के दिन साध्य योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण दोपहर 2:52 तक रहेगा. इसके बाद शुभ योग का संयोग बन रहा है. इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. कल्कि जयंती पर साध्य योग, शुभ योग और रवि योग निर्मित हो रहे हैं. इस योग में भगवान कल्कि की पूजा करने से जातक को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है इसके साथ ही कल्कि जयंती पर शिव वास का योग भी बन रहा है.