जयपुर. राजस्थान की धरा अब सोना उगलने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री और खान-भूविज्ञान विभाग के मंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान का माइनिंग विभाग एक माह में ही नया इतिहास रचने जा रहा है. बांसवाड़ा के भूकिया जगपुरा में प्रदेश की पहली सोने की खान की नीलामी की तैयारी है. इलाके में सोने की दो खानों की ई-नीलामी की औपचारिकताएं पूरी होने जा रही है. करीब एक महीने में ऑक्शन के लिए भारत सरकार के ई-पोर्टल पर निविदा जारी कर दी जाएगी. इस खनन के शुरू होने के बाद औद्योगिक विकास को भी पंख लगेंगे. प्रदेश में इलेक्ट्रोनिक्स, सिक्कों, बैटरी, पेट्रोकेमिकल्स, एयर बैग सहित उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही गोल्ड प्रसंस्करण के साथ ही राजस्व और रोजगार का पिटारा खुलेगा. जाहिर है कि राजस्थान गोल्ड माइंस की नीलामी के साथ ही गोल्ड खनन करने वाले प्रदेश के रुप में देश दुनिया के नक्शे पर आ जाएगा.
सोने के साथ मिलेंगे यह धातु भी: भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिकों की ओर से इलाके में तांबें की खोज के लिए किये जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण के संकेत देखे गये. यहां बाद में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है. जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है. यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान एक मोटे अनुमान के मुताबिक 7 लाख 74 हजार टन से अधिक कॉपर, 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज मिलेगा. राज्य सरकार के राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आरएसएमईटी की ओर से ऑक्शन के लिए दोनों ब्लॉक को अंतिम रुप दिया जा रहा है.
उद्योग और रोजगार के अवसर होंगे पैदा: भूकिया जगपुरा में गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही प्रचुर मात्रा में कॉपर, निकल और कोबाल्ट खनिज मिलेगा. इससे देश और प्रदेश में इलेक्ट्रोनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे. कॉपर इण्डस्ट्रीज के साथ ही कॉपर का इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी, वहीं निकल से बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढ़लाई, इलेक्ट्रोनिक उद्योग को बूम मिलेगा. इसी तरह कोबाल्ट एयर बैग, पेट्रोकेमिकल उद्योग में उपयोग आ सकेगा और इनके कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी.
गौरतलब है कि वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में कर्नाटक में हुट्टी गोल्ड माइंस कंपनी गोल्ड खनन कर रही है. कर्नाटक के ही कोलार गोल्ड फिल्ड में काम हो रहा है. निजी क्षेत्र में मुन्द्रा ग्रुप की रामा माइंस इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन और माइनिंग का काम कर रही है. आंध्र प्रदेश में डेक्कनगोल्ड माइंस की ओर से गोल्ड प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. देश में सर्वाधिक स्वर्ण भण्डार बिहार में हैं, वहीं राजस्थान में देश के करीब 25 प्रतिशत स्वर्ण भण्डार माने जा रहे हैं.
एक्टिव मोड में दिख रहा है खान विभाग: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से खान विभाग की जिम्मेदारी सम्भालने के बाद पहले 15 दिन अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाया गया. जबकि मेजर और माइनर ब्लाकों के अलावा आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरु की गई. करौली में लौह अयस्क के नए डिपोजिट्स की नीलामी से भी प्रदेश में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे.
खान सचिव आनन्दी ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से 11 जनवरी को विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिये निर्देशों के साथ ही विभाग एक्शन मोड़ पर आ गया है. विभाग में अवैध खनन पर सख्त कार्यवाही के साथ ही खनिज खोज खनन में तेजी लाने और नए ब्लॉक्स तैयार कर ई-नीलामी में जुट गया है. बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने के भण्डार हैं.