नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली शराब घोटाले के आरोपी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सात दिनों की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने ये फैसला सुनाया. ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल को जो दवाई दी जा रही है वो शुगर कम करनेवाली है, लेकिन उन्होंने अपने डॉक्टर से कीटोन लेवल बढ़ने की शिकायत कभी नहीं की. उन्होंने कहा कि केजरीवाल जेल से निकलते ही रैलियां कर रहे थे, लेकिन उन्होंने 20 मई को डॉक्टर से कीटोन बढ़ने की शिकायत नहीं की. उन्होंने 24 मई को डॉक्टर से शिकायत की, ताकि अंतरिम जमानत के लिए जमीन तैयार की जा सके.
क्यों चाहिए सात दिन की जमानत: इस पर कोर्ट ने केजरीवाल की ओर से पेश वकील एन हरिहरन से पूछा, केजरीवाल को सात दिनों की जमानत क्यों चाहिए, जबकि एसवी राजू का कहना है कि टेस्ट कुछ घंटों का है. इसके जवाब में हरिहरन ने कहा कि होल्टर टेस्ट में समय लगता है. सभी पैरामीटर पूरे किए जाने के बाद ही यह टेस्ट किया जाता है. इसके चलते इसमें समय लगता है.
बनेगा कानून का मजाक: उनकी इस बात पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एसवी राजू ने कहा कि यह टेस्ट 25 मई से 1 जून तक किया जा सकता था. अगर केजरीवाल की तरह कोई दूसरा पक्षकार भी कहे कि जेल नियमों को दरकिनार रखकर उन्हें चिकित्सा सुविधा दी जाए, तो ये कानून का मजाक होगा. एसवी राजू ने केजरीवाल का एक वीडियो दिखाया और कहा कि वह गंभीर रूप से बीमार नहीं है. कोर्ट ने उनसे सवाल किया कि ये कैसी रिकॉर्डिंग है तो उन्होंने जवाब दिया कि यह वीडियो एक न्यूज एजेंसी का है.
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19 जून तक बढ़ी न्यायिक हिरासत: बता दें, 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सात दिन की अंतरिम जमानत के आवेदन को अस्वीकार करते हुए कहा था, चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है, इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की केजरीवाल की याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है. फिलहाल कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 19 जून तक के लिए बढ़ा दिया है.
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