नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर से 4 अप्रैल 2011 को भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था. इसी आंदोलन से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी बनी थी. आज AAP और अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के शीर्ष नेता खुद भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हुए हैं. 10 साल बाद आज इसी जंतर मंतर से केजरीवाल ने अपने शीर्ष नेताओं और पार्टी की बेगुनाही के लिए "जनता की अदालत में केजरीवाल" अभियान की शुरुआत की है. अभियान के साथ उन्होंने दिल्ली में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया.
साल 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन किया गया. फिर चुनाव लड़कर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई. अब आप पर दिल्ली शराब नीति घोटाले का आरोप है. इसमें आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता भी शामिल हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल को पहले ईडी फिर सीबीआई ने गिरफ्तार किया. उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया. हालांकि, जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. आम आदमी पार्टी में दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया ने शराब नीति घोटाले के आरोप में गिरफ्तारी के बाद उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. AAP सांसद संजय सिंह भी शराब नीति घोटाले के आरोप में गिरफ्तार हुए थे. हालांकि तीनों लोगों को जमानत मिल गई है.
जमानत मिली पर जनता का सर्टिफिकेट चाहिए: इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि जब तक जनता वोट के जरिए ईमानदारी का सर्टिफिकेट देकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए नहीं भेजती है, तब तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. उन्होंने कहा कि कोर्ट से मुझे जमानत मिल गई, लेकिन जनता से ईमानदारी का सर्टिफिकेट चाहिए. यदि आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं तभी वोट देना. ये झाड़ू चुनाव चिन्ह नहीं बल्कि आस्था का प्रतीक है.
दिल्ली का विधानसभा चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा है। अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं तब ही मुझे वोट देना।
— AAP (@AamAadmiParty) September 22, 2024
अब झाड़ू आम आदमी पार्टी का केवल चुनाव चिन्ह नहीं रह गया है। इस बार अगर आपको लगे कि हमने आपके लिये काम किया है और केजरीवाल ईमानदार है, तभी EVM में झाड़ू का बटन दबाना।… pic.twitter.com/C00jg0dZZq
बिना नाम लिए कांग्रेस पर साधा निशाना: 10 साल पहले आम आदमी पार्टी कांग्रेस को हराकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी. अरविंद केजरीवाल ने जनता की अदालत में अपने संबोधन में कहा कि जब पार्टी अस्तित्व में आई तब दिल्ली की सरकार ये कहती थी कि चुनाव लड़कर और जीतकर दिखाओ. चुनाव लड़ने के लिए बहुत से पैसे, लोगों और गुंडों की जरूरत होती है. मेरे पास इनमें से कुछ भी नहीं था. लेकिन हमारी पार्टी ने चुनाव लड़ा और जीतकर दिखाया. हमने साबित किया कि बिना पैसों के ईमानदारी से चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है.
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