नई दिल्ली : शराब नीति घोटाले के आरोप में अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. तब से वे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में कई बार याचिका अपील कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. इस बीच एक बार फिर अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में दस्तक देने जा रहे हैं. जहां अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने वाली है, जिसमें आप नेताओं ने उम्मीद जताई है कि कोर्ट से लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अरविंद केजरीवाल को जरूर जमानत मिलेगी.
उधर, पार्टी नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हलफनामे के जरिए सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यह कोई संयोग नहीं है कि देश में सबसे बड़ा चुनाव हो रहा है.
गिरफ्तारी के जरिए प्रचार रोकने की कोशिश
आचार संहिता लागू होने के पांच दिन के अंदर ही देश की राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को झूठे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. इस कथित शराब नीति घोटाले की जांच ईडी और सीबीआई दो साल से कर रही है, लेकिन अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.
लोकसभा चुनाव में सभी को बराबरी का मौका नहीं मिल रहा है. गिरफ़्तारी के ज़रिए प्रचार रोकने की कोशिश की गई. अगर केजरीवाल जेल से बाहर होते तो वे महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के लिए, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के लिए और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी समेत इंडिया अलायंस की पार्टियों के लिए प्रचार कर रहे होते.
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अरविंद केजरीवाल ने हलफनामे में आगे कहा कि ईडी और सीबीआई जांच एजेंसियां हैं, जिनका काम सच साबित करना है न कि अरविंद केजरीवाल को गलत साबित करना. कोर्ट के सामने ऐसे दस्तावेज नहीं रखे गए, जिनमें अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कुछ भी नहीं था. बल्कि उनके खिलाफ जबरन गवाही दिलाई गई और फिर वही दस्तावेज कोर्ट में रखे गए. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उम्मीद है कि कोर्ट इस वक्त उन्हें चुनाव प्रचार के लिए राहत जरूर देगा.
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