कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों सेब का सीजन चला हुआ है. हाल ही में बादल फटने की घटनाओं के कारण हुए नुकसान से बागवानों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर मणिकर्ण घाटी के बागवानों की मुश्किल इस सीजन में बढ़ गई है. यहां शाट सब्जी मंडी का तीन मंजिला भवन बाढ़ की चपेट में आने से बह गया था.
बागवानों को सेब बेचना पड़ेगा महंगा
शाट सब्जी मंडी के गिरने से मणिकर्ण घाटी के बागवानों को सेब की फसल बेचने के लिए भुंतर सब्जी मंडी का रुख करना पड़ रहा है. ऐसे में बागवानों को सेब की ढुलाई का खर्च अधिक पड़ेगा. शाट सब्जी मंडी के आढ़ती सेनापाल शर्मा और प्रवीण कुमार ने कहा मलाणा डैम में बादल फटने के चलते शाट सब्जी मंडी का 3 मंजिला भवन ढह गया जिसके चलते ये नुकसान हुआ है अगर समय रहते सब्जी मंडी के लिए सुरक्षा दीवार लगा दी जाती तो भवन को बचाया जा सकता था.
करीब 7 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
सब्जी मंडी के पास पार्वती नदी के किनारे सुरक्षा दीवार लगाने का एस्टीमेट एक साल पहले शिमला के लिए भेजा गया था लेकिन समय पर मंजूरी नहीं मिलने से इसका टेंडर नहीं लग पाया. ऐसे में शाट सब्जी मंडी के नदी में बहने से करीब सात करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
टेंटों में बिकेगा सेब
"सब्जी मंडी शाट का भवन बाढ़ में बहने से इस बार सेब और सब्जी के सीजन में घाटी के हजारों किसानों-बागवानों को किसी तरह की समस्या न हो. इसके लिए अस्थायी सब्जी मंडी की व्यवस्था की जाएगी. यहां टेंट लगाए जाएंगे जिससे किसानों और बागवानों को कोई परेशानी ना हो." यह जानकारी राम सिंह मियां अध्यक्ष एपीएमसी कुल्लू ने दी है.
बता दें कि कुल्लू जिले में इस बार सेब का कम उत्पादन होने का अनुमान है. उद्यान विभाग के मुताबिक लगातार मौसम बदलने के कारण इस बार सेब का आकार छोटा है और बीते साल की अपेक्षा इस बार जिले में करीब 8 लाख सेब की पेटियां कम होने का अनुमान है. इस बार कुल्लू जिले में करीब 62.70 लाख सेब की पेटियां होने का अनुमान है जो बीते साल 70 लाख से अधिक थीं.
ये भी पढ़ें: इस बार 6 सालों में सबसे कम सेब के उत्पादन की संभावना, मौसम की मार बागवान बेहाल