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सपा से अपना दल (क) की सियासी दोस्ती खत्म; अखिलेश बोले- लोकसभा चुनाव 2024 में कोई गठबंधन नहीं - Apna Dal K Separated from India

Apna Dal K Separated from India Alliance: अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना दल (क) गठबंधन को लेकर कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन था लेकिन 2024 में हम साथ नहीं है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 21, 2024, 4:31 PM IST

लखनऊ: इंडिया गठबंधन बनने के बाद से ही उसमें टूटन का दौर जारी है. अब जब लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो गया है तब भी इंडिया गठबंधन से दल अलग हो रहे हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव 2022 से शुरू हुई अपना दल (क) की सियासी दोस्ती अब खत्म हो गई है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना दल (क) गठबंधन को लेकर कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन था लेकिन 2024 में हम साथ नहीं है. अखिलेश यादव के इस बयान के साथ ही इंडिया गठबंधन के साथ अपना दल (क) की सियासी दोस्ती समाप्त हो गई.

अपना दल की तरफ से कल इंडिया गठबंधन के अंतर्गत समाजवादी पार्टी से बिना बातचीत किए ही तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया गया था, जिससे इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ाने की बात कही जा रही थी. लेकिन देर शाम अखिलेश यादव ने मिर्जापुर सीट पर भी प्रत्याशी उतार कर अपना दल (क) के साथ दोस्ती समाप्त करने के संकेत दे दिए थे.

अखिलेश यादव ने गुरुवार को जब समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उनसे अपना दल (क) को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के साथ गठबंधन था लेकिन अब 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं है.

इंडिया गठबंधन के अंतर्गत बिना बातचीत के तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारने के ऐलान के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ गई और मिर्जापुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था. आज अखिलेश यादव ने अपना दल (क) के साथ गठबंधन न होने की बात भी साफ-साफ कह दी.

Akhilesh YadavAkhilesh Yadav
Akhilesh YadavAkhilesh Yadav

वहीं, लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने इंडिया गठबंधन को समर्थन देने का दावा किया है. उन्होंने अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसानों के हितों को लेकर लोक दल लगातार संघर्ष कर रहा है. जयंत चौधरी वाला राष्ट्रीय लोक दल डुप्लीकेट लोक दल है.

2017 के लोकसभा चुनाव में जीरो सीट वाले राष्ट्रीय लोक दल को अखिलेश यादव ने 8 सीटों तक पहुंचाने का काम किया था. लेकिन, वह सिर्फ सत्ता की मलाई खाने के लिए भाजपा के साथ मिल गए. किसानों की लड़ाई लड़ने वाला असली लोकल इंडिया गठबंधन के साथ है. हम अखिलेश यादव के साथ संघर्ष करेंगे. 2024 में इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने का काम करेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हारेगी तो लोकतंत्र बचेगा. भाजपा हारेगी तो बाबा साहेब का दिया हुआ संविधान बचेगा. भाजपा हारेगी तो नौकरी और किसानों को एमएसपी मिलेगा. उन्होंने कहा कि लोकदल से हमारा बहुत पुराना रिश्ता है. सुनील सिंह के पिता राजेन्द्र सिंह और नेता जी के परिवार जैसे रिश्ते थे. क्योंकि देश में किसानों को हक दिलाने के लिए चौधरी चरण सिंह से बड़ा नेता कोई नहीं रहा है. उन्हीं के रास्ते पर हम चलेंगे.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अकाउंट सीज करने पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और भी बहुत कुछ कर सकती है. इसलिए मैंने कहा कि मतदान के साथ सावधान भी रहना जरूरी है. बूथ की रक्षा अगर हमने नहीं की तो भाजपा का मुकाबला नहीं कर पाएंगे.

भाजपा अकाउंट सीज इसलिए कर रही है, क्योंकि वह चंदा लेने/वसूली करने में सबसे आगे है. कमाल तो तब हुआ जब वैक्सीन का प्रचार भाजपा कर रही थी. इस देश की जनता को पता ही नहीं था कि भाजपा वैक्सीन वालों से भी पैसा वसूल लेगी, चंदा और वसूली में फर्क करना पड़ेगा. विपक्ष को चंदा मिला है और भाजपा ने वसूली की है.

ये भी पढ़ेंः मोदी को क्यों भाया बनारस, क्या है जातीय समीकरण; तीसरी बार जीते तो नेहरू-इंदिरा की करेंगे बराबरी

लखनऊ: इंडिया गठबंधन बनने के बाद से ही उसमें टूटन का दौर जारी है. अब जब लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो गया है तब भी इंडिया गठबंधन से दल अलग हो रहे हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव 2022 से शुरू हुई अपना दल (क) की सियासी दोस्ती अब खत्म हो गई है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना दल (क) गठबंधन को लेकर कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन था लेकिन 2024 में हम साथ नहीं है. अखिलेश यादव के इस बयान के साथ ही इंडिया गठबंधन के साथ अपना दल (क) की सियासी दोस्ती समाप्त हो गई.

अपना दल की तरफ से कल इंडिया गठबंधन के अंतर्गत समाजवादी पार्टी से बिना बातचीत किए ही तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया गया था, जिससे इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ाने की बात कही जा रही थी. लेकिन देर शाम अखिलेश यादव ने मिर्जापुर सीट पर भी प्रत्याशी उतार कर अपना दल (क) के साथ दोस्ती समाप्त करने के संकेत दे दिए थे.

अखिलेश यादव ने गुरुवार को जब समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उनसे अपना दल (क) को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के साथ गठबंधन था लेकिन अब 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं है.

इंडिया गठबंधन के अंतर्गत बिना बातचीत के तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारने के ऐलान के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ गई और मिर्जापुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था. आज अखिलेश यादव ने अपना दल (क) के साथ गठबंधन न होने की बात भी साफ-साफ कह दी.

Akhilesh YadavAkhilesh Yadav
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वहीं, लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने इंडिया गठबंधन को समर्थन देने का दावा किया है. उन्होंने अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसानों के हितों को लेकर लोक दल लगातार संघर्ष कर रहा है. जयंत चौधरी वाला राष्ट्रीय लोक दल डुप्लीकेट लोक दल है.

2017 के लोकसभा चुनाव में जीरो सीट वाले राष्ट्रीय लोक दल को अखिलेश यादव ने 8 सीटों तक पहुंचाने का काम किया था. लेकिन, वह सिर्फ सत्ता की मलाई खाने के लिए भाजपा के साथ मिल गए. किसानों की लड़ाई लड़ने वाला असली लोकल इंडिया गठबंधन के साथ है. हम अखिलेश यादव के साथ संघर्ष करेंगे. 2024 में इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने का काम करेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हारेगी तो लोकतंत्र बचेगा. भाजपा हारेगी तो बाबा साहेब का दिया हुआ संविधान बचेगा. भाजपा हारेगी तो नौकरी और किसानों को एमएसपी मिलेगा. उन्होंने कहा कि लोकदल से हमारा बहुत पुराना रिश्ता है. सुनील सिंह के पिता राजेन्द्र सिंह और नेता जी के परिवार जैसे रिश्ते थे. क्योंकि देश में किसानों को हक दिलाने के लिए चौधरी चरण सिंह से बड़ा नेता कोई नहीं रहा है. उन्हीं के रास्ते पर हम चलेंगे.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अकाउंट सीज करने पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और भी बहुत कुछ कर सकती है. इसलिए मैंने कहा कि मतदान के साथ सावधान भी रहना जरूरी है. बूथ की रक्षा अगर हमने नहीं की तो भाजपा का मुकाबला नहीं कर पाएंगे.

भाजपा अकाउंट सीज इसलिए कर रही है, क्योंकि वह चंदा लेने/वसूली करने में सबसे आगे है. कमाल तो तब हुआ जब वैक्सीन का प्रचार भाजपा कर रही थी. इस देश की जनता को पता ही नहीं था कि भाजपा वैक्सीन वालों से भी पैसा वसूल लेगी, चंदा और वसूली में फर्क करना पड़ेगा. विपक्ष को चंदा मिला है और भाजपा ने वसूली की है.

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