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सिख विरोधी दंगा: सज्जन कुमार के खिलाफ सरस्वती विहार मामले में CBI ने मांगी दलीलें रखने की अनुमति - SAJJAN KUMAR SARASWATI VIHAR CASE

पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर सरस्वती विहार में 1984 सिख विरोधी दंगे में भीड़ को हमले के लिए उकसाने का है आरोप

पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार
पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 21, 2025, 9:19 PM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपी पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला टाल दिया. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी 2025 को करने का आदेश दिया है.

आज सीबीआई की ओर से कहा गया कि पिछली सुनवाई के समय उनके वकील छुट्टी पर थे और आरोपी की ओर से कुछ सवाल उठाए गए, जिनका जवाब देना जरुरी है. उसके बाद कोर्ट ने 31 जनवरी को सीबीआई को अपनी दलीलें रखने का निर्देश दिया.

दिल्ली लोकसभा सीट से थे कांग्रेस के सांसद: मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार- साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.

भीड़ को हमला करने के लिए उकसाने का आरोप: शिकायत के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149,395,397,302,307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.

ये भी पढ़ें:

  1. 1984 सिख विरोधी दंगा: सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला टला
  2. सिख विरोधी दंगा: सज्जन कुमार के खिलाफ एक और गवाह इंस्पेक्टर ने दर्ज कराया बयान
  3. 1984 सिख विरोधी दंगा: सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपी पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला टाल दिया. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी 2025 को करने का आदेश दिया है.

आज सीबीआई की ओर से कहा गया कि पिछली सुनवाई के समय उनके वकील छुट्टी पर थे और आरोपी की ओर से कुछ सवाल उठाए गए, जिनका जवाब देना जरुरी है. उसके बाद कोर्ट ने 31 जनवरी को सीबीआई को अपनी दलीलें रखने का निर्देश दिया.

दिल्ली लोकसभा सीट से थे कांग्रेस के सांसद: मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार- साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.

भीड़ को हमला करने के लिए उकसाने का आरोप: शिकायत के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149,395,397,302,307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.

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  1. 1984 सिख विरोधी दंगा: सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला टला
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  3. 1984 सिख विरोधी दंगा: सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला सुरक्षित
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