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पिथौरागढ़ के DFO से मांगा गया स्पष्टीकरण, सम्मान सूची के लिए अवैध पेड़ कटान के आरोपी अधिकारी का भेजा था नाम - अवैध पेड़ कटान मामला

Government sought clarification from Pithoragarh DFO गणतंत्र दिवस समारोह में सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किए जाने वाली सूची में अवैध पेड़ कटान के आरोपी रेंजर का नाम भेजने को लेकर पिथौरागढ़ के डीएफओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वन मुख्यालय द्वारा आरोपी का नाम क्यों भेजा गया? इस पर पिथौरागढ़ वन विभाग के डीएफओ को पत्र भेज जवाब मांगा है.

FOREST DEPARTMENT
वन विभाग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 27, 2024, 4:13 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग की कार्य प्रणाली पर जिस अधिकारी और कर्मचारियों की सूची ने सवाल खड़े कर दिए, अब उस पर विभाग एक्शन मोड में आ गया है. एपीसीसीएफ प्रशासन बीपी गुप्ता ने मामले को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ को पत्र लिखते हुए स्पष्टीकरण मांगा है.

दरअसल, गणतंत्र दिवस पर 29 अधिकारी-कर्मचारियों को प्रदेश भर से चयनित करते हुए उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया जाना था. जिसमें एक ऐसे रेंजर का भी नाम शामिल था जिसे अवैध पेड़ कटान के मामले में न केवल निलंबित किया गया, बल्कि आरोप पत्र भी जारी किए गए. यही नहीं, अभी इस रेंजर को क्लीन चिट भी नहीं दी गई है. लेकिन इस सबके बावजूद पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन दगडे द्वारा आरोपी रेंजर का नाम प्रस्ताव के रूप में वन मुख्यालय को भेज दिया गया.
ये भी पढ़ेंः आरोपी रेंजर को सम्मान सूची में जगह देने पर वन प्रमुख सख्त, पैरवी करने वालों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

इससे वन विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है. हालांकि गणतंत्र दिवस पर इस रेंजर का नाम सम्मानित होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सूची से हटा दिया गया था. लेकिन सवाल यह उठ रहे थे कि आखिरकार ऐसे वन विभाग के अधिकारी का नाम डीएफओ ने किस आधार पर भेज दिया. ईटीवी भारत ने भी इसी को लेकर सवाल उठाए थे.

इस मामले को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन को पत्र भेजकर उनसे इस नाम को भेजे जाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. भेजे गए पत्र में डीएफओ से पूछा गया है कि जब उक्त वन कर्मी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई चल रही है, तो ऐसे में रेंजर का नाम किन परिस्थितियों में प्रस्तावित किया गया? इसको स्पष्ट किया जाए.

देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग की कार्य प्रणाली पर जिस अधिकारी और कर्मचारियों की सूची ने सवाल खड़े कर दिए, अब उस पर विभाग एक्शन मोड में आ गया है. एपीसीसीएफ प्रशासन बीपी गुप्ता ने मामले को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ को पत्र लिखते हुए स्पष्टीकरण मांगा है.

दरअसल, गणतंत्र दिवस पर 29 अधिकारी-कर्मचारियों को प्रदेश भर से चयनित करते हुए उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया जाना था. जिसमें एक ऐसे रेंजर का भी नाम शामिल था जिसे अवैध पेड़ कटान के मामले में न केवल निलंबित किया गया, बल्कि आरोप पत्र भी जारी किए गए. यही नहीं, अभी इस रेंजर को क्लीन चिट भी नहीं दी गई है. लेकिन इस सबके बावजूद पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन दगडे द्वारा आरोपी रेंजर का नाम प्रस्ताव के रूप में वन मुख्यालय को भेज दिया गया.
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इससे वन विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है. हालांकि गणतंत्र दिवस पर इस रेंजर का नाम सम्मानित होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सूची से हटा दिया गया था. लेकिन सवाल यह उठ रहे थे कि आखिरकार ऐसे वन विभाग के अधिकारी का नाम डीएफओ ने किस आधार पर भेज दिया. ईटीवी भारत ने भी इसी को लेकर सवाल उठाए थे.

इस मामले को लेकर पिथौरागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ जीवन मोहन को पत्र भेजकर उनसे इस नाम को भेजे जाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. भेजे गए पत्र में डीएफओ से पूछा गया है कि जब उक्त वन कर्मी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई चल रही है, तो ऐसे में रेंजर का नाम किन परिस्थितियों में प्रस्तावित किया गया? इसको स्पष्ट किया जाए.

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