नई दिल्ली/नोएडाः धन शोधन, मानव और मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में जेल जाने का डर दिखाकर साइबर जालसाजों ने शिक्षिका के साथ एक लाख 40 हजार रुपये की ठगी कर ली. ठगों ने महिला को पांच घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत मंगलवार को सेक्टर-113 थाने की पुलिस से की है. पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ IT ऐक्ट और धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
पुलिस अधिकारी बताकर ठगी: शिकायत में सेक्टर-77 के प्रतीक विस्टोरिया सोसाइटी निवासी एक शिक्षिका ने बताया कि रविवार सुबह दस बजकर 43 मिनट पर अनजान नंबर से कॉल आई. कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया. कथित पुलिस अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता महिला को जानकारी दी गई कि उसका आधार कार्ड डार्क वेब पर लिंक्ड है. संबंधित आधार कार्ड का इस्तेमाल कर धन शोधन, मानव और मादक पदार्थों की तस्करी व्यापक स्तर पर की जा रही है.
शिक्षिका से एक लाख 40 हजार की ठगी: जालसाजों द्वारा शिक्षिका को बताया गया कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. इस दौरान कई कथित अधिकारियों से शिकायतकर्ता की बात कराई गई. इसके बाद दबाव में लेकर महिला को स्काइप ऐप डाउनलोड कराया गया. जेल जाने से बचने के लिए महिला को खाते में जमा रकम एक अन्य खाते में ट्रांसफर करने को कहा गया. जांच के बाद रकम मूल खाते में वापस आने का ठगों ने भरोसा भी दिया. डरी सहमी शिक्षिका ने इसके बाद जालसाजों द्वारा बताए गए खाते में दो बार में एक लाख 40 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. सारी रकम सनी नाम के खाता धारक के खाते में ट्रांसफर हुई. उसका खाता यस बैंक का है.
इस दौरान पीड़ित महिला को गिरफ्तारी वारंट भी भेजा गया. महिला पर जब और पैसे भेजने का दबाव बनाया जाने लगा तो उसने रकम न होने की बात कही. महिला से परिवार के किसी भी सदस्य से मामले को लेकर बात न करने की हिदायत भी दी गई. जब पैसे की बार-बार मांग होती रही तो महिला को ठगी की आशंका हुई और उसने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की.
पुलिस अधिकारियों की अपील: थाना 113 परभारी कृष्ण गोपाल शर्मा व अन्य पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल होने का डर दिखाकर अगर कोई डराए तो घबराएं नहीं, मामले की शिकायत पुलिस से करें. अनजान व्यक्ति के कहने पर कभी भी रकम ट्रांसफर न करें.
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