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Rajasthan: चारभुजा मंदिर में अन्नकूट और छप्पन भोग महोत्सव, महाआरती के बाद किया गया प्रसाद वितरण - CHARBHUJA TEMPLE

कुचामनसिटी के चारभुजा मंदिर में अन्नकूट और छप्पन भोग महोत्सव का आयोजन किया गया. महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया.

अन्नकूट और छप्पन भोग महोत्सव
अन्नकूट और छप्पन भोग महोत्सव (ETV Bharat Kuchaman)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 3, 2024, 10:59 AM IST

Updated : Nov 3, 2024, 11:04 AM IST

कुचामनसिटी : शहर के धानमंडी स्थित प्राचीनतम चारभुजा मंदिर में अन्नकूट और छप्पन भोग महोत्सव का आयोजन किया गया. इस उपलक्ष्य में भगवान चारभुजानाथ के छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया. व्यवस्थापकों ने ठाकुरजी के नवीन धान का भोग लगाते हुए विश्व कल्याण की कामना की. इस उपलक्ष्य में भजन-कीर्तन हुए. महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया. पंडित छोटूलाल शर्मा ने आरती की और प्रसाद वितरण किया गया. सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्यार्जनप किया. यह मंदिर राजा-रजवाड़ा के समय से शहर में श्रद्धा का केन्द्र है.

पंडित नवरत्न शर्मा ने बताया कि पृथ्वीलोक पर श्रीकृष्ण की आराधना को श्रेष्ठ माना गया है और उनके बाल स्वरूप की आराधना को सर्वश्रेष्ठ. द्वारकाधीश की पूजा से मनोकामना पूर्ण होती है. पंथ और संप्रदायों में विभक्त सनातन संस्कृति में श्रीकृष्ण की भक्ति के अनेक तरीके प्रचलित हैं. सभी तरीके रास-रंग के साथ श्रीकृष्ण की उपासना को महत्व देते हैं, जिसमें झूले झुलाना, भगवान की मनुहार करना और उनकी सात्विक तरीके सेवा करना शामिल है. गोविंद की उपासना के विभिन्न तरीकों में एक अहम सेवा अन्नकूट मानी जाती है.

पढ़ें. Rajasthan: बाड़मेर के प्राचीन वीर बालाजी मंदिर में अन्नकूट महोत्सव, प्रसाद लेने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

इसी क्रम में मीठड़ी कस्बे के लीचाणा रोड पर स्थित निम्बार्क सम्प्रदाय के भादीपीठ मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन हर वर्ष की भांति अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. भादीपीठ परिकर अंबिकाशरण दाधीच ने बताया कि मंदिर परिसर में स्थानीय कलाकारों की ओर से भजन-कीर्तन किया गया. भजन में अन्नकूट बनाए जाने वाले छप्पन भोग मिठाई का वर्णन पदों गायन के माध्यम से किया गया है. भादीबिहारक युगल सरकार के समक्ष छप्पन भोग प्रसाद की मनोरम झांकी सजाई गई. अंत में आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया.

कुचामनसिटी : शहर के धानमंडी स्थित प्राचीनतम चारभुजा मंदिर में अन्नकूट और छप्पन भोग महोत्सव का आयोजन किया गया. इस उपलक्ष्य में भगवान चारभुजानाथ के छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया. व्यवस्थापकों ने ठाकुरजी के नवीन धान का भोग लगाते हुए विश्व कल्याण की कामना की. इस उपलक्ष्य में भजन-कीर्तन हुए. महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया. पंडित छोटूलाल शर्मा ने आरती की और प्रसाद वितरण किया गया. सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्यार्जनप किया. यह मंदिर राजा-रजवाड़ा के समय से शहर में श्रद्धा का केन्द्र है.

पंडित नवरत्न शर्मा ने बताया कि पृथ्वीलोक पर श्रीकृष्ण की आराधना को श्रेष्ठ माना गया है और उनके बाल स्वरूप की आराधना को सर्वश्रेष्ठ. द्वारकाधीश की पूजा से मनोकामना पूर्ण होती है. पंथ और संप्रदायों में विभक्त सनातन संस्कृति में श्रीकृष्ण की भक्ति के अनेक तरीके प्रचलित हैं. सभी तरीके रास-रंग के साथ श्रीकृष्ण की उपासना को महत्व देते हैं, जिसमें झूले झुलाना, भगवान की मनुहार करना और उनकी सात्विक तरीके सेवा करना शामिल है. गोविंद की उपासना के विभिन्न तरीकों में एक अहम सेवा अन्नकूट मानी जाती है.

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इसी क्रम में मीठड़ी कस्बे के लीचाणा रोड पर स्थित निम्बार्क सम्प्रदाय के भादीपीठ मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन हर वर्ष की भांति अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. भादीपीठ परिकर अंबिकाशरण दाधीच ने बताया कि मंदिर परिसर में स्थानीय कलाकारों की ओर से भजन-कीर्तन किया गया. भजन में अन्नकूट बनाए जाने वाले छप्पन भोग मिठाई का वर्णन पदों गायन के माध्यम से किया गया है. भादीबिहारक युगल सरकार के समक्ष छप्पन भोग प्रसाद की मनोरम झांकी सजाई गई. अंत में आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया.

Last Updated : Nov 3, 2024, 11:04 AM IST
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