झांसी: जिले में मतदान के कुछ दिन पहले ही सरकार और मौजूदा सांसद के खिलाफ मूलभूत सुविधाओं को लेकर जनता का गुस्सा फूटने लगा है. झांसी में अब ग्रामीणों ने वोट की चोट कर प्रत्याशियों से दो दो हाथ कर चुनाव बहिष्कार करने निर्णय लिया है. ग्रामिणों ने जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपते हुए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है. ग्रामिणों की मांग है, कि उनके इलाके की सड़क सालों से नहीं बनी है. जिससे सभी ग्रामिणों को समस्या का सामना करना पड़ता है.
गांव निवासी चंदपाल सिंह पटेल ने बताया, कि ग्राम सैरिया तिराहा से अतरसुवां तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण का काम किया जा रहा था. ग्राम अतरसुवां में तालाब से स्कूल के मध्य लगभग तीन सौ मीटर सड़क का निर्माण करीब 20 साल से नहीं हुआ है. जिस कारण ग्राम सैरिया, अचौसा, खिरिया, खलार, सेमरी, जौरी, बरमपुरा, खिदरपुरा, करगुवां,अतरसुवां सहित अन्य ग्रामवासियों को बरसात के समय में तहसील मुख्यालय टहरौली जाने के लिए परेशानी होती है. वहीं, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाते वक्त अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हालात ऐसे बदतर हो जाते हैं, कि एंबुलेंस,फायर ब्रिगेड एवं स्कूली बच्चों के वाहन दलदल में फंस जाते हैं. कई बार इसकी शिकायत शासन और प्रशासन से की जा चुकी है. बावजूद इसके, अभी तक समस्या का कोई भी समाधान नहीं किया गया है. इसलिए, अब सभी ने आगामी 20 मई को होने वाले मतदान का बहिष्कार करने की योजना बनाई है.
कई सालों से इस समस्या से जूझ रहे खिरिया गांव के ग्राम प्रतिनिधि ज्योति प्रकाश ने बताया, कि उनके गांव में पहले दोनों तरफ सड़क बन जाती थी. लेकिन, अब ऐसा नहीं होता. इस परेशानी को लेकर वह झांसी के सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि और तो और मुखमंत्री तक गुहार लगा चुके है. लेकिन, कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई है. मजबूरन बच्चों के भविष्य को देखते हुए हम सबको ये कदम उठाना पड़ा है. अब सबका एक मन है, सड़क नहीं तो वोट नहीं. इस संबंध में जब उप जिलाधिकारी टहरौली अबुल कलाम से बात की गई, तो उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत को उच्च स्तर के अधिकारियों तक पहुंचने के बाद कार्रवाई किए जाने की बात कही है.
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