लखनऊ: पूरे प्रदेश में प्रचंड गर्मी और बिजली कटौती से लोग परेशान है. अधिकारी दावे कर रहे हैं, कि यूपी में बिजली सप्लाई भरपूर हो रही है, लेकिन सड़कों पर बिजली की मांग के लिए उतर रही जनता उनके दावे को हवा हवाई साबित कर रही है. दिन और रात में हो रही बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. राजधानी में बिजली कटौती को लेकर लखनऊ रायबरेली हाईवे एफसीआई उपकेंद्र पर हुए हंगामे के बाद तीन अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया. इनमें खंड दो के अधिशासी अभियंता यादवेंद्र कुमार, एसडीओ संतोष कुमार पाठक और जेई मुकुल यादव शामिल हैं. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई.
लखनऊ के एफसीआई उपकेंद्र के अंतर्गत रोड जामकर प्रदर्शन हुआ. इसकी शिकायत लखनऊ मेयर से की गई थी. इसके बाद मामला उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के पास पहुंचा. इसके बाद विभागीय अधिकारियों ने जिम्मेदार अफसरों पर एक्शन ले लिया. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने पूरे मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं. इस मामले में तीन अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया गया.
शुक्रवार रात 12 बजे के बाद देर तक हुई बिजली कटौती से उग्र भीड़ सड़क पर उतर आई. लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि बेतहाशा बिजली कटौती हो रही है. अफसर फोन भी नहीं उठाते हैं. जनता को सही जानकारी नहीं मिल पाती है. पार्षद धर्मेंद्र यादव बताते हैं कि बिजली कटौती और कम वोल्टेज से यहां के लोग काफी समय से परेशान हैं. इसे लेकर भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी उपकेंद्र पर शुक्रवार को शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. कर्मचारी कोई समाधान करने के बजाय यहां से भाग जाते हैं. यही वजह है, कि क्षेत्र की जनता में काफी नाराजगी थी और वह लखनऊ रायबरेली हाईवे जाम करने पहुंच गए.
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हाईवे जाम होने से सड़क पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई थी. प्रदर्शनकारियों ने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. उपकेंद्र के अंदर तक लोग घुस गए थे. प्रदर्शनकरियों की मानें तो इस इलाके में 50000 की आबादी बिजली संकट से परेशान है. शाम से ही बिजली कटौती शुरू हो जाती है और बिजली आती भी रहती है, तो वोल्टेज इतना कम रहता है कि उसका आने का कोई मतलब ही नहीं निकलता.
शुक्रवार की रात हुए हंगामे और प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने नाराज लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग अपनी समस्या का समाधान होने के बाद ही यहां से हटने को तैयार थे. इस दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच काफी कहासुनी भी हो गई. हालांकि मौके पर बिजली विभाग के अफसर पहुंचे और उन्होंने आश्वासन देकर बिजली बहाल की. इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और वह वापस अपने घर लौटे.
इससे पहले भी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने बिजली सप्लाई में लापरवाही बरतने वाले कई अफसरों पर एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था. कई अधिकारियों को खंड से हटाकर मुख्यालय पर अटैच कर दिया गया. अब एक बार फिर अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई, तो फिर से निलंबन की कार्रवाई की गई.