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सीएम धामी का IFS एसोसिएशन को नहीं मिल पाया वक्त, इन अफसरों ने भी संगठन छोड़ने के दिये संकेत - Forest Fire Incident in almora

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 19, 2024, 3:00 PM IST

Action On IFS Officers In Almora Forest Fire Incident बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में वनाग्नि की घटना के बाद आईएफएस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई. जिसके बाद आईएफएस संगठन में भी इस कार्रवाई को लेकर आक्रोश है. वहीं जिसके बाद आईएफएस सीएम धामी से मुलाकात कर इस मामले में पुनर्विचार की मांग करने वाले हैं.

Uttarakhand Forest Department
उत्तराखंड वन विभाग (फोटो-ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में आईएफएस संगठन को मुख्यमंत्री का वक्त नहीं मिल पा रहा है. दरअसल मामला आईएफएस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई से जुड़ा है. जिसके लिए ये अधिकारी मुख्यमंत्री से मिलकर कार्रवाई पर पुनर्विचार की मांग करने वाले हैं. लेकिन संगठन के पत्र के बाद फिलहाल अब तक उन्हें कोई निश्चित समय मुख्यमंत्री की तरफ से नहीं दिया गया है. उधर लगातार हो रही कार्रवाई से आईएफएस संगठन के ही चार सदस्य अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि पांचवे एक अधिकारी ने भी सदस्यता से इस्तीफा देने के संकेत दिए हैं.

उत्तराखंड में बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में हुई घटना के बाद मुख्यमंत्री ने दो आईएफएस अधिकारियों को सस्पेंड किया तो एक अधिकारी को वन मुख्यालय में अटैच करने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद प्रदेश के आईएफएस एसोसिएशन में जबरदस्त उबाल देखने को मिल रहा है. स्थिति यह है कि कई आईएफएस अधिकारियों ने तो अपनी संगठन से ही नाराजगी जताते हुए सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बताया गया है कि इस्तीफा देने वालों में आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन, आकाश वर्मा, कोको रोसे और पीके पात्रो का नाम शामिल है.

उधर संगठन पर भारी दबाव के बाद आईएफएस अधिकारियों का एक संगठन मुख्य सचिव से भी मुलाकात कर चुका है. इसके अलावा विभागीय मंत्री के सामने भी संगठन की तरफ से बात रखी जा चुकी है. आईएफएस अधिकारियों की मांग है कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उन पर सरकार पुनर्विचार करें. इन सभी स्थितियों के बीच इस संगठन अब मुख्यमंत्री से मिलना चाहती है, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें समय नहीं मिल पा रहा है. इसके लिए आईएफएस संगठन ने बाकायदा एक पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज दिया है.

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े लोगों से भी आईएफएस संगठन के पदाधिकारी द्वारा बात की गई है. लेकिन संगठन के सदस्य कब मुख्यमंत्री से मिल पाएंगे, यह अब तक तय नहीं हो पाया है. इस बीच मुख्यमंत्री काफी व्यस्त हैं और उनके देहरादून से बाहर के कार्यक्रम भी लगे हुए हैं. इसके बावजूद आईएफएस एसोसिएशन को उम्मीद है कि जल्द ही मुख्यमंत्री उन्हें मिलने का समय देंगे. एक तरफ आईएफएस संगठन के पदाधिकारी को मुख्यमंत्री का वक्त नहीं मिल पा रहा है और लगातार मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश है पदाधिकारी की तरफ से की जा रही है.

वहीं चार आईएफएस अधिकारियों के संगठन से इस्तीफा देने के बाद अब एक और आईएफएस अधिकारी ने संगठन को छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. बताया गया है कि धर्म सिंह मीणा ने भी संगठन को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें अपनी नाराजगी उनके द्वारा व्यक्त की गई थी. उधर दूसरी तरफ वन आरक्षी संगठन ने भी पूर्व में 17 वन विभाग के कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई पर नाराजगी जताई है और कार्रवाई पर पुनर्विचार करने की मांग की है. इसके अलावा वन आरक्षी संगठन ने भी आईएफएस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई को गलत बताते हुए ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर दोबारा से विचार करने की मांग की है.

हालांकि वन आरक्षी संगठन ने तो आईएफएस अधिकारियों के पक्ष में खुलकर सामने आते हुए उनका बचाव किया है. लेकिन इससे पहले वन विभाग के कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई को लेकर आईएफएस एसोसिएशन ने कभी उनका बचाव नहीं किया और खुलकर सामने नहीं आये.

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देहरादून: उत्तराखंड में आईएफएस संगठन को मुख्यमंत्री का वक्त नहीं मिल पा रहा है. दरअसल मामला आईएफएस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई से जुड़ा है. जिसके लिए ये अधिकारी मुख्यमंत्री से मिलकर कार्रवाई पर पुनर्विचार की मांग करने वाले हैं. लेकिन संगठन के पत्र के बाद फिलहाल अब तक उन्हें कोई निश्चित समय मुख्यमंत्री की तरफ से नहीं दिया गया है. उधर लगातार हो रही कार्रवाई से आईएफएस संगठन के ही चार सदस्य अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि पांचवे एक अधिकारी ने भी सदस्यता से इस्तीफा देने के संकेत दिए हैं.

उत्तराखंड में बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में हुई घटना के बाद मुख्यमंत्री ने दो आईएफएस अधिकारियों को सस्पेंड किया तो एक अधिकारी को वन मुख्यालय में अटैच करने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद प्रदेश के आईएफएस एसोसिएशन में जबरदस्त उबाल देखने को मिल रहा है. स्थिति यह है कि कई आईएफएस अधिकारियों ने तो अपनी संगठन से ही नाराजगी जताते हुए सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बताया गया है कि इस्तीफा देने वालों में आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन, आकाश वर्मा, कोको रोसे और पीके पात्रो का नाम शामिल है.

उधर संगठन पर भारी दबाव के बाद आईएफएस अधिकारियों का एक संगठन मुख्य सचिव से भी मुलाकात कर चुका है. इसके अलावा विभागीय मंत्री के सामने भी संगठन की तरफ से बात रखी जा चुकी है. आईएफएस अधिकारियों की मांग है कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उन पर सरकार पुनर्विचार करें. इन सभी स्थितियों के बीच इस संगठन अब मुख्यमंत्री से मिलना चाहती है, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें समय नहीं मिल पा रहा है. इसके लिए आईएफएस संगठन ने बाकायदा एक पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज दिया है.

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े लोगों से भी आईएफएस संगठन के पदाधिकारी द्वारा बात की गई है. लेकिन संगठन के सदस्य कब मुख्यमंत्री से मिल पाएंगे, यह अब तक तय नहीं हो पाया है. इस बीच मुख्यमंत्री काफी व्यस्त हैं और उनके देहरादून से बाहर के कार्यक्रम भी लगे हुए हैं. इसके बावजूद आईएफएस एसोसिएशन को उम्मीद है कि जल्द ही मुख्यमंत्री उन्हें मिलने का समय देंगे. एक तरफ आईएफएस संगठन के पदाधिकारी को मुख्यमंत्री का वक्त नहीं मिल पा रहा है और लगातार मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश है पदाधिकारी की तरफ से की जा रही है.

वहीं चार आईएफएस अधिकारियों के संगठन से इस्तीफा देने के बाद अब एक और आईएफएस अधिकारी ने संगठन को छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. बताया गया है कि धर्म सिंह मीणा ने भी संगठन को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें अपनी नाराजगी उनके द्वारा व्यक्त की गई थी. उधर दूसरी तरफ वन आरक्षी संगठन ने भी पूर्व में 17 वन विभाग के कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई पर नाराजगी जताई है और कार्रवाई पर पुनर्विचार करने की मांग की है. इसके अलावा वन आरक्षी संगठन ने भी आईएफएस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई को गलत बताते हुए ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर दोबारा से विचार करने की मांग की है.

हालांकि वन आरक्षी संगठन ने तो आईएफएस अधिकारियों के पक्ष में खुलकर सामने आते हुए उनका बचाव किया है. लेकिन इससे पहले वन विभाग के कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई को लेकर आईएफएस एसोसिएशन ने कभी उनका बचाव नहीं किया और खुलकर सामने नहीं आये.

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