भरतपुर : देवी मां के भक्त बहुत देखे, लेकिन ऐसा मुस्लिम भक्त नहीं देखा. मनसा देवी मां के मंदिर में एक मुस्लिम परिवार के सदस्य चार पीढ़ियों से नगाड़ा बजा रहे हैं. मुस्लिम परिवार के सदस्य का कहना है कि हम जाति, पाती और अलग-अलग धर्मों के बंधनों को नहीं मानते हैं. मनसा देवी मां ने हमारी कई मन्नतें पूरी की हैं, इसलिए हम चार पीढ़ियों से मां के दरबार में नगाड़ा बजा कर अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं. नवरात्रि के अवसर पर भरतपुर के प्राचीन मनसा देवी मंदिर के इतिहास और मुस्लिम भक्त परिवार के बारे बताते हैं.
शहर के लोहागढ़ किले की सुजान गंगा नहर के किनारे स्थित मनसा देवी के मंदिर में एक व्यक्ति वर्षों से नगाड़ा बजा रहा है. मंदिर में नगाड़ा बजाने वाले इस शख्स का नाम बच्चन खान है. बच्चन खान के पिता प्रह्लाद खान बताते हैं कि उनकी चौथी पीढ़ी मनसा देवी मां के दरबार में नगाड़ा बजा रही है. आगे भी पांचवीं पीढ़ी मां की सेवा के लिए तैयार है.
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प्रह्लाद खान ने बताया कि रियासतकाल से ही उनका परिवार मनसा देवी मां के मंदिर में नगाड़ा बजाता आ रहा है. थैली खान, नन्नू खान, प्रह्लाद खान, अब बच्चन खान नगाड़ा बजाता है. आगे के लिए आसिफ खान मां की सेवा के लिए तैयार है. इस तरह अभी मां के मंदिर में चौथी पीढ़ी के बच्चन खान नगाड़ा बजा रहे हैं.
मां करती हैं हर मनोकामना पूरी : प्रह्लाद खान ने बताया कि हम भले ही मुस्लिम परिवार से हैं, लेकिन हमारी देवी मां के चरणों में पूरी श्रद्धा भक्ति है. जीवन में कई बार संकट और बुरा वक्त आया, लेकिन देवी मां ने बार संकट से छुटकारा दिलाया. यही वजह है कि हम धर्म की बंदिशों को नहीं मानते और देवी मां के दरबार में सच्चे दिल से पीढ़ियों से नगाड़ा बजाते आ रहे हैं.
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जानें इस प्राचीन मंदिर का इतिहास : प्रह्लाद खान बताते हैं कि मंदिर के पुजारी परिवार के पूर्वज जगन्नाथ शर्मा जी को बरगद के पेड़ की जड़ों में जमीन के नीचे दबी देवी मां की प्रतिमा पर नजर पड़ी थी. जगन्नाथ शर्मा ने मूर्ति को बाहर निकलवाया तो मनसा देवी मां की मूर्ति थी. मां की मूर्ति को चबूतरे पर स्थापित कराकर पूजा अर्चना शुरू की. उसके बाद धीरे-धीरे मंदिर का निर्माण हुआ और पूरे भारतपुरवासियों की आस्था का केंद्र बन गया. रियासरकाल में राजपरिवार के सदस्य भी मंदिर में दर्शन के लिए आते थे. अब नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में विशेष सजावट और पूजा पाठ अनुष्ठान किया जाता है. सालभर यहां भक्त दर्शन के लिए आते हैं.