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GSS पर काम कर रहे बिजली कर्मी की करंट से मौत, परिजनों ने इंजीनियर्स पर लगाया लापरवाही का आरोप - died due to electric shock

कोटा के इटावा में बिजली विभाग के कार्मिक की ड्यूटी पर मौत होने के बाद कोटा के एमबीएस अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ. मुआवजे की मांग के साथ इंजीनियरों पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है. काफी देर बाद परिजनों और इंजीनियरों के बीच सुलह हुई और परिजन पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार हुए.

DIED DUE TO ELECTRIC SHOCK
बिजली कर्मी की करंट से मौत (PHOTO : ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 15, 2024, 1:09 PM IST

कोटा. जिले के इटावा कस्बे में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 33 केवी जीएसएस पर विद्युत लाइन को बंद-चालू करने का काम कर रहे कार्मिक की करंट लगने से मौत हो गई. कार्मिक 11 केवी लाइन के फ्यूज काटते समय करंट की चपेट में आ गया. इसके बाद कोटा में एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने मुआवजे की मांग के साथ इंजीनियरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. काफी देर के बाद परिजनों और इंजीनियरों के बीच सुलह हुई और परिजन पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार हुए.

इटावा थाना अधिकारी मांगेलाल यादव ने बताया कि कोटा निवासी 35 वर्षीय टेक्निकल हेल्पर गजेंद्र पारोलिया इटावा 33 केवी जीएसएस पर शटडाउन और सप्लाई चालू करने का काम करता था. वह नौनेरा फीडर की सप्लाई सिंगल फेज करने गया था. इस दौरान करंट की चपेट में आ गया और नीचे गिर गया. बेहोशी में उस इटावा अस्पताल ले जाया गया, जहां से कोटा भेज दिया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में ही उसका पोस्टमार्टम व अन्य प्रक्रिया करवाई जा रही है.

परिजनों का आरोप मौके पर नहीं थे जेईएन व एईएन : परिजनों ने आरोप लगाया है कि ना तो मौके पर कोई इंजीनियर मौजूद था, ना ही सुरक्षा के उपकरण. इसके अलावा बिना ड्यूटी रोस्टर के ही उसे 48 घंटे तक लगातार ड्यूटी करवाई जा रही थी. परिजनों ने यह भी कहा कि दुर्घटना रविवार को 3 बजे हुई थी, लेकिन परिवार को 6 बजे जानकारी दी गई. यहां तक की गजेंद्र बेहोशी की हालत में काफी देर तक घटनास्थल पर ही मौजूद था. अन्य कर्मचारियों ने काफी देर उसे अपने आसपास नहीं पाया. इसके बाद उसकी तलाश शुरू की गई और वह एक फीडर के पास बेहोशी की हालत में मिला था. इस मामले में 20 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग परिजनों ने की है. इसके अलावा कनिष्ठ और सहायक अभियंता दोनों की गलती बताते हुए कार्रवाई की मांग भी की गई है.

इसे भी पढ़ें : 11 केवी का तार टूटने से गांव में दौड़ा करंट, एक युवक की मौत, ग्रामीणों ने शव लेने से किया इनकार - Youth died in Sirohi

एक्सईएन बोले - फिलहाल किसी की लापरवाही नहीं कहीं जा सकती : परिजनों ने अपनी मांगों को लेकर काफी देर मोर्चरी पर हंगामा किया. इस दौरान कई अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया. इस पूरे मामले पर जेवीवीएनएल के अधिशासी अभियंता आशीष जौहरी का कहना है कि ड्यूटी पर ही गजेंद्र पारोलिया की करंट लगने से मौत सामने आ रही है. लापरवाही के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी की लापरवाही नहीं कहीं जा सकती है, क्योंकि कर्मचारी खुद भी ड्यूटी पर था. करंट लगने से उसकी मौत हुई है. ऐसे में मुआवजा और नौकरी के नियम बने हुए हैं. उनके अनुसार ही परिजनों को राहत दिलाई जाएगी.

कोटा. जिले के इटावा कस्बे में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 33 केवी जीएसएस पर विद्युत लाइन को बंद-चालू करने का काम कर रहे कार्मिक की करंट लगने से मौत हो गई. कार्मिक 11 केवी लाइन के फ्यूज काटते समय करंट की चपेट में आ गया. इसके बाद कोटा में एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने मुआवजे की मांग के साथ इंजीनियरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. काफी देर के बाद परिजनों और इंजीनियरों के बीच सुलह हुई और परिजन पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार हुए.

इटावा थाना अधिकारी मांगेलाल यादव ने बताया कि कोटा निवासी 35 वर्षीय टेक्निकल हेल्पर गजेंद्र पारोलिया इटावा 33 केवी जीएसएस पर शटडाउन और सप्लाई चालू करने का काम करता था. वह नौनेरा फीडर की सप्लाई सिंगल फेज करने गया था. इस दौरान करंट की चपेट में आ गया और नीचे गिर गया. बेहोशी में उस इटावा अस्पताल ले जाया गया, जहां से कोटा भेज दिया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में ही उसका पोस्टमार्टम व अन्य प्रक्रिया करवाई जा रही है.

परिजनों का आरोप मौके पर नहीं थे जेईएन व एईएन : परिजनों ने आरोप लगाया है कि ना तो मौके पर कोई इंजीनियर मौजूद था, ना ही सुरक्षा के उपकरण. इसके अलावा बिना ड्यूटी रोस्टर के ही उसे 48 घंटे तक लगातार ड्यूटी करवाई जा रही थी. परिजनों ने यह भी कहा कि दुर्घटना रविवार को 3 बजे हुई थी, लेकिन परिवार को 6 बजे जानकारी दी गई. यहां तक की गजेंद्र बेहोशी की हालत में काफी देर तक घटनास्थल पर ही मौजूद था. अन्य कर्मचारियों ने काफी देर उसे अपने आसपास नहीं पाया. इसके बाद उसकी तलाश शुरू की गई और वह एक फीडर के पास बेहोशी की हालत में मिला था. इस मामले में 20 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग परिजनों ने की है. इसके अलावा कनिष्ठ और सहायक अभियंता दोनों की गलती बताते हुए कार्रवाई की मांग भी की गई है.

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एक्सईएन बोले - फिलहाल किसी की लापरवाही नहीं कहीं जा सकती : परिजनों ने अपनी मांगों को लेकर काफी देर मोर्चरी पर हंगामा किया. इस दौरान कई अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया. इस पूरे मामले पर जेवीवीएनएल के अधिशासी अभियंता आशीष जौहरी का कहना है कि ड्यूटी पर ही गजेंद्र पारोलिया की करंट लगने से मौत सामने आ रही है. लापरवाही के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी की लापरवाही नहीं कहीं जा सकती है, क्योंकि कर्मचारी खुद भी ड्यूटी पर था. करंट लगने से उसकी मौत हुई है. ऐसे में मुआवजा और नौकरी के नियम बने हुए हैं. उनके अनुसार ही परिजनों को राहत दिलाई जाएगी.

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