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अपने विधायकी कार्यकाल में अमानतुल्लाह खान का 'क्राइम' से जुड़ता रहा नाम, जानिए- ईडी ने क्यों किया गिरफ्तार - AAP MLA AMANATULLAH KHAN - AAP MLA AMANATULLAH KHAN

ED arrests AAP MLA Amanatullah Khan: अमानतुल्लाह खान को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है. ईडी के सूत्रों की मानें तो उन पर वक्फ बोर्ड की जमीन अवैध तरीके से पट्टे पर देने और कर्मचारियों की बहाली में हेराफेरी के आरोप हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह खान गिरफ्तार
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह खान गिरफ्तार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 2, 2024, 2:18 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. अमानतुल्लाह खान अभी तक अपने विधायकी के कार्यकाल में कुछ दिनों के अंतराल में पुलिस थाने, जेल व जमानत पाने तक को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. आप विधायक पर महिला से यौन शोषण, कांग्रेस नेता से मारपीट जैसे आरोप लग चुके हैं. ताजा मामला दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितता से जुड़ा है, जिसमें विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. अमानतुल्लाह खान पर भरोसा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हे दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया था. बस कुछ समय बाद उन पर बोर्ड में वित्तीय अनियमितता और कई अन्य गंभीर आरोप लगे हैं.

अमानतुल्लाह पर अवैध नियुक्तियों का आरोप: सीबीआई ने वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं को लेकर अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश की धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रविधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके साथ ही विधायक के खिलाफ एसीबी और ईडी भी समानांतर जांच कर रही है.

दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के सबडिविजनल मजिस्ट्रेट ने नवंबर 2016 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में मौजूद और गैर-मौजूद पदों पर अमानतुल्लाह खान द्वारा मनमानी और अवैध नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज की थी. तब एसीबी ने एक मामला दर्ज कर लिया था और जांच की थी, जिसमें पर्याप्त अभियोजन योग्य सबूत मिले थे, जिसके बाद जांच एजेंसी ने उपराज्यपाल से अभियोजन की मंजूरी मांगी थी. उपराज्यपाल ने एसीबी के साथ-साथ सीबीआई जांच की संस्तुति दे दी. मामला सीबीआई और ईडी के पास आ गया

यह भी पढ़ें- AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को ED ने गिरफ्तार किया, साढ़े 5 घंटे तक चली सर्चिंग, भारी पुलिस बल तैनात

बोर्ड की संपत्तियों में खरीद-बिक्री में गड़बड़ी: केजरीवाल सरकार के दूसरे कार्यकाल में सितंबर 2018 से मार्च 2020 तक अमानतुल्लाह दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष रहे. इसी दौरान उनके खिलाफ बोर्ड की संपत्तियों में खरीद-बिक्री में गड़बड़ी संबंधी अन्य आरोप लगे थे. सीबीआई और ईडी में जब इसकी शिकायत हुई तो ईडी ने पांच हज़ार पन्नों की चार्जशीट में अमानतुल्लाह खान पर अज्ञात स्रोतों से आय अर्जित करने, जमीनों की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोप लगाए. इसके साथ-साथ उनके पार्टनरशिप फॉर्म स्काई पावर को भी ईडी ने चार्जशीट में आरोपी बनाया था.

2016 में दर्ज हुआ था एफआईआर: इससे पहले सीबीआई ने वर्ष 2016 में भी अमानतुल्लाह खान समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में सीईओ और अन्य कॉन्ट्रैक्ट पर जो कर्मचारी की नियुक्ति हुई है उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के जब अध्यक्ष रहे थे तब उस वक्त हुई कल 32 नियुक्तियों पर सवाल उठाए गए थे. आरोप है कि आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने सरकारी नियमों को अनदेखी कर 32 भर्तियां कि जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. पहले यह जांच एसीबी भी कर रही थी. जिसमें यह पाया गया कि दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में हुई 32 लोगों की भर्तियों में पांच अमानतुल्लाह खान के रिश्तेदार हैं जबकि 22 लोग ओखला विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. इस मामले में सितंबर 2022 में अमानतुल्लाह खान से पूछताछ की थी और उनके यहां जब ईडी की तो 24 लाख रुपए और हथियार भी बरामद हुए थे. उन्हें तब भी गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि 28 दिसंबर 2022 को उन्हें जमानत मिल गई थी.

यह भी पढ़ें- भ्रष्टाचार की जनक बन गई है AAP पार्टी...', अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी पर भाजपा का बयान

कौन है अमानतुल्लाह खान, और किस-किस विवाद से रहा है नाता

अमानतुल्लाह खान का जन्म 10 जनवरी 1974 में उत्तर प्रदेश के मेरठ के अगवानपुर गांव में हुआ था. दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित घोटाले के साथ-साथ शाहीन बाग में नागरिक संशोधन कानून विधेयक के खिलाफ आंदोलन में भी अमानतुल्लाह खान ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास को संघ और भाजपा का एजेंट तक कहने वाले अमानतुल्लाह को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का संरक्षण प्राप्त व्यक्ति बताया जाता है. मूलतया उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले अमानतुल्लाह खान दिल्ली में जामिया में पढ़ाई करने दिल्ली आए, लेकिन वह कभी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं हुई. अमानतुल्लाह ने वर्ष 2013 में सबसे पहले लोक जन शक्ति पार्टी से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में महज 3600 वोट मिले थे. इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हुआ और ओखला से वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव लड़ा.

पार्टी की महिला ने लगाया था यौन शोषण का आरोप: चुनाव में अमानतुल्लाह ने बीजेपी के ब्रह्म सिंह को हराया था. सितंबर 2016 में अमानतुल्लाह की रिश्तेदार एक महिला ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने पार्टी की सभी पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा अमानतुल्लाह पर 2017 में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मारपीट का भी आरोप लगा था. 18 अप्रैल 2017 में अमानतुल्लाह खान ने एमसीडी चुनाव से पहले जामिया नगर में कांग्रेस समर्थकों पर कथित तौर पर गोली चलवाई थी. मामला अभी अदालत में विचाराधीन है. अमानतुल्‍लाह खान के खिलाफ वर्ष 2018 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी के आरोप में दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें- अमानतुल्लाह के चचेरे भाई ने कहा- ED की RAID में कुछ नहीं मिला, सौरभ भारद्वाज बोले- एजेंसी का दुरुपयोग हो रहा

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. अमानतुल्लाह खान अभी तक अपने विधायकी के कार्यकाल में कुछ दिनों के अंतराल में पुलिस थाने, जेल व जमानत पाने तक को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. आप विधायक पर महिला से यौन शोषण, कांग्रेस नेता से मारपीट जैसे आरोप लग चुके हैं. ताजा मामला दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितता से जुड़ा है, जिसमें विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. अमानतुल्लाह खान पर भरोसा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हे दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया था. बस कुछ समय बाद उन पर बोर्ड में वित्तीय अनियमितता और कई अन्य गंभीर आरोप लगे हैं.

अमानतुल्लाह पर अवैध नियुक्तियों का आरोप: सीबीआई ने वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं को लेकर अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश की धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रविधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके साथ ही विधायक के खिलाफ एसीबी और ईडी भी समानांतर जांच कर रही है.

दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के सबडिविजनल मजिस्ट्रेट ने नवंबर 2016 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में मौजूद और गैर-मौजूद पदों पर अमानतुल्लाह खान द्वारा मनमानी और अवैध नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज की थी. तब एसीबी ने एक मामला दर्ज कर लिया था और जांच की थी, जिसमें पर्याप्त अभियोजन योग्य सबूत मिले थे, जिसके बाद जांच एजेंसी ने उपराज्यपाल से अभियोजन की मंजूरी मांगी थी. उपराज्यपाल ने एसीबी के साथ-साथ सीबीआई जांच की संस्तुति दे दी. मामला सीबीआई और ईडी के पास आ गया

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बोर्ड की संपत्तियों में खरीद-बिक्री में गड़बड़ी: केजरीवाल सरकार के दूसरे कार्यकाल में सितंबर 2018 से मार्च 2020 तक अमानतुल्लाह दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष रहे. इसी दौरान उनके खिलाफ बोर्ड की संपत्तियों में खरीद-बिक्री में गड़बड़ी संबंधी अन्य आरोप लगे थे. सीबीआई और ईडी में जब इसकी शिकायत हुई तो ईडी ने पांच हज़ार पन्नों की चार्जशीट में अमानतुल्लाह खान पर अज्ञात स्रोतों से आय अर्जित करने, जमीनों की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोप लगाए. इसके साथ-साथ उनके पार्टनरशिप फॉर्म स्काई पावर को भी ईडी ने चार्जशीट में आरोपी बनाया था.

2016 में दर्ज हुआ था एफआईआर: इससे पहले सीबीआई ने वर्ष 2016 में भी अमानतुल्लाह खान समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में सीईओ और अन्य कॉन्ट्रैक्ट पर जो कर्मचारी की नियुक्ति हुई है उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के जब अध्यक्ष रहे थे तब उस वक्त हुई कल 32 नियुक्तियों पर सवाल उठाए गए थे. आरोप है कि आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने सरकारी नियमों को अनदेखी कर 32 भर्तियां कि जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. पहले यह जांच एसीबी भी कर रही थी. जिसमें यह पाया गया कि दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में हुई 32 लोगों की भर्तियों में पांच अमानतुल्लाह खान के रिश्तेदार हैं जबकि 22 लोग ओखला विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. इस मामले में सितंबर 2022 में अमानतुल्लाह खान से पूछताछ की थी और उनके यहां जब ईडी की तो 24 लाख रुपए और हथियार भी बरामद हुए थे. उन्हें तब भी गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि 28 दिसंबर 2022 को उन्हें जमानत मिल गई थी.

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कौन है अमानतुल्लाह खान, और किस-किस विवाद से रहा है नाता

अमानतुल्लाह खान का जन्म 10 जनवरी 1974 में उत्तर प्रदेश के मेरठ के अगवानपुर गांव में हुआ था. दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित घोटाले के साथ-साथ शाहीन बाग में नागरिक संशोधन कानून विधेयक के खिलाफ आंदोलन में भी अमानतुल्लाह खान ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास को संघ और भाजपा का एजेंट तक कहने वाले अमानतुल्लाह को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का संरक्षण प्राप्त व्यक्ति बताया जाता है. मूलतया उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले अमानतुल्लाह खान दिल्ली में जामिया में पढ़ाई करने दिल्ली आए, लेकिन वह कभी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं हुई. अमानतुल्लाह ने वर्ष 2013 में सबसे पहले लोक जन शक्ति पार्टी से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में महज 3600 वोट मिले थे. इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हुआ और ओखला से वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव लड़ा.

पार्टी की महिला ने लगाया था यौन शोषण का आरोप: चुनाव में अमानतुल्लाह ने बीजेपी के ब्रह्म सिंह को हराया था. सितंबर 2016 में अमानतुल्लाह की रिश्तेदार एक महिला ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने पार्टी की सभी पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा अमानतुल्लाह पर 2017 में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मारपीट का भी आरोप लगा था. 18 अप्रैल 2017 में अमानतुल्लाह खान ने एमसीडी चुनाव से पहले जामिया नगर में कांग्रेस समर्थकों पर कथित तौर पर गोली चलवाई थी. मामला अभी अदालत में विचाराधीन है. अमानतुल्‍लाह खान के खिलाफ वर्ष 2018 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी के आरोप में दर्ज किया गया था.

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