नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के बेल बांड को वेरिफाई करने का आदेश दिया है. अमानतुल्लाह खान बेल बांड के वेरिफाई होने के बाद ही रिहा हो सकेंगे.
आज सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह खान की जमानत का वेरिफिकेशन कर उसकी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी. ईडी ने कहा कि अमानतुल्लाह खान के बेल बॉन्ड के रूप में जमा की गई फिक्स्ड डिपॉजिट की प्रति को वेरिफाई नहीं किया जा सका है, क्योंकि 15 नवंबर को बैंक की छुट्टी थी. उसके बाद कोर्ट ने ईडी को फिक्स्ड डिपॉजिट की प्रति का वेरिफिकेशन कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया.
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रिहा करने के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती
बता दें कि ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अमानतुल्लाह खान को रिहा करने के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ईडी की याचिका पर 18 नवंबर को सुनवाई करने वाला है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को रिहा करने का आदेश जारी करते हुए कहा था कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं लेकिन आरोपी के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अनुमति नहीं ली गई है. ऐसे में ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता है. कोर्ट ने पूरक चार्जशीट की दूसरी आरोपी मरियम सिद्दीकी को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा था कि मरियम सिद्दीकी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.
ईडी ने 2 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था. ईडी के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपी है. इस मामले में चार लोग पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी के मुताबिक अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी के मुताबिक छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं जिनसे पता चलता है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं.
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