अलवर. राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य है - आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय. इसके तहत ही आम नागरिक थाने में यही सोचकर आता है कि उसकी सुनवाई होगी. उसकी शिकायत पर कार्रवाई होगी, लेकिन अलवर पुलिस ने एक चोरी के मामले को 10 दिन तक अटकाए रखा.
अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र के अखेपुरा में 25 जनवरी को रिटायर्ड RPF अधिकारी अपने परिवार के साथ उनकी बहू की डिलीवरी करवाने अपने गांव नीमका थाना गया हुआ था. इस बीच 2 महीने तक घर सूना रहा. परिवार 30 मार्च को वापस लौटा तो घर का नजारा देख वो भौंचक्के रह गए. घर के ताले टूटे मिले. अलमारियां भी टूटी हुई थी. यहां तक की बेड और घर का सारा सामान गायब मिला.
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करीब 15 लाख के सामानों की चोरी : पीड़िता पायल ने बताया कि चोरों ने गैस सिलेंडर चूल्हा और बर्तन तक नहीं छोड़े. सारा सामान ले गए. उसने बताया कि 50 हजार की नगदी समेत घर में करीब 15 लाख रुपए की चोरी हुई है. घटना के बाद 3 अप्रैल को कोतवाली थाने में शिकायत करने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने शिकायत लेकर मामला दर्ज नहीं किया. पीड़िता ने बताया कि कई दिनों तक वो थाने के चक्कर काटते रहे. अंत में परेशान होकर परिवार के लोगों ने एसपी आनंद शर्मा से गुहार लगाई. तब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया.