प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पेरोल पर रिहा होने के बाद फरार आरोपी फहीम की गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने डीजीपी यूपी से इस मामले में व्यक्तिगत हालतनामा दाखिल कर बताने के लिए कहा है कि पुलिस अब तक फहीम को गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी. फहीम की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल ने कहा कि फरार आरोपी को पिछले 1 साल से पुलिस खोज नहीं पा रही है. जबकि अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया हुआ है, यह स्वीकार्य नहीं है. कोर्ट ने कहा आरोपी इसी दुनिया में है तो पुलिस की जिम्मेदारी है कि उसका पता लगाकर गिरफ्तार करें, सिर्फ इनाम बढ़ाने से कुछ नहीं होगा.
फहीम पर देश में 62 आपराधिक मुकदमे दर्जः इससे पूर्व राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि फरार फहीम पर एसएसपी मुरादाबाद ने इनाम की राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी है. फहीम पर पूरे देश में 62 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें से 33 केस सिर्फ यूपी में है. उनमें से भी 17 मुकदमे मुरादाबाद में दर्ज है. अन्य राज्यों में उस पर 29 मुकदमे दर्ज है. पेरोल पर छूटने के बाद फहीम चार आपराधिक मामलों में शामिल हुआ. जिनमें एक-एक मामले बेंगलुरु और पुणे के हैं। सह अभियुक्तों अंकित और बबलू से पुलिस को पता चला कि फरारी के दौरान उसने एक पिस्तौल और 27 कारतूस भी खरीदे। इसके बाद पुणे में एक स्विफ्ट कार खरीदी और लूट की घटना को अंजाम दिया.
दक्षिण भारत में छुपे होने की आशंकाः पुलिस का कहना है कि इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन आरोपी बेहद चालाक है. खुद को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहा है. पुलिस के पास सूचना है कि वह दक्षिण भारत में कहीं छुपा है। लेकिन आज तक उसके और उसकी पत्नी के बारे में कोई सुराग नहीं लग सका है. याची के अधिवक्ता को भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
13अप्रैल 2023 को मिली थी पेरोलः हत्या के एक मामले में जेल में बंद फहीम को हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल 2023 को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर तीन माह के पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने शर्त लगाई थी कि वह दो प्रतिभूतियों जिनमें से एक उसके नजदीकी रिश्तेदार की और एक किसी अन्य रिश्तेदार की नहीं चाहिए जमा करेगा. वह अपना एक मोबाइल नंबर पुलिस को देगा ताकि जब पुलिस चाहे उसको बुलाकर पूछताछ कर सके.
फरारी के दौरान भी वारदातों को दे रहा अंजामः फहीम पहले बिजनौर जेल में बंद था, जहां से 8 सितंबर 2022 को उसे सीतापुर जेल में ट्रांसफर किया गया. उसकी प्रथम जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी. दूसरी जमानत याचिका के साथ उसने पेरोल के लिए अर्जी दी थी. कहा गया कि वह काफी बीमार है तथा उसे इलाज की सख्त आवश्यकता है. कोर्ट ने इस मामले में सीतापुर जिला कारागार के अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी थी. अधीक्षक की रिपोर्ट में बताया गया कि फहीम टीवी, हाइपरटेंशन और पीठ के दर्द से पीड़ित है. केजीएमयू लखनऊ में उसका इलाज कराया जा रहा है. मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने इलाज के लिए उसे तीन 3 माह की अल्प अवधि की जमानत (पेरोल) दी थी. लेकिन यह अवधि बीतने के बाद उसने सरेंडर नहीं किया और फरार हो गया. फरारी के दौरान वह लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है.