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सीबीएसई बोर्ड के ज्वाइंट सेक्रेटरी को दहेज उत्पीड़न मामले में दी गई राहत पुनर्बहाल, हाईकोर्ट का फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सीबीएसई बोर्ड के ज्वाइंट सेक्रेटरी (CBSE Board Joint Secretary) मामले में आज सुनवाई की. इस दौरान हाईकोर्ट ने उनको दहेज उत्पीड़न मामले में दी गई राहत को पुनर्बहाल कर दिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 7:53 PM IST

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीएसई बोर्ड के ज्वाइंट सेक्रेटरी लखनलाल मीणा को दहेज उत्पीड़न व मारपीट के मामले में प्रयागराज पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र व आपराधिक केस की प्रक्रिया पर पूर्व में लगी रोक को दोबारा पुनर्बहाल कर दिया है. याची मीणा ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि हाईकोर्ट द्वारा 28 जुलाई 2014 को पारित अंतरिम आदेश के बाद इस सम्बन्ध में कोई अद्यतन जानकारी न देने पर एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट इलाहाबाद ने याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर उसे 2 फरवरी 2024 को कोर्ट में तलब किया था. मजिस्ट्रेट के इस 10 जनवरी 24 के आदेश को हलफनामा के मार्फत दाखिल कर पूर्व पारित अंतरिम आदेश को पुनर्जीवित करने की कोर्ट से याचना की गई थी.

यह आदेश जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र ने याची लखनलाल मीणा की अर्जी पर पारित किया. कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम व सहयोगी अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम का कहना था कि हाईकोर्ट की फुलबेंच ने एशियन रिसरफेसी केस में क्वेश्चन ऑफ लॉ फ्रेम करके सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट फुल बेंच के प्रश्न पर सुनवाई करके निर्णय सुरक्षित कर लिया. इस पर अभी निर्णय आना बाकी है. अधिवक्ता का कहना था कि ऐसी स्थिति में याची को उक्त केस में मिली राहत को पुनर्जीवित किया जाए और उसके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को समाप्त किया जाए.

कोर्ट ने अंतरिम आदेश को पुनर्बहाल करने की अर्जी एवं इस संबंध में दाखिल हलफनामा पर विचार करने के बाद याची द्वारा दाखिल अर्जी को मंजूर कर लिया. इस केस में पूर्व पारित अंतरिम आदेश 28 जुलाई 2024 को फिर से 5 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है. कोर्ट ने याची की याचिका पर फिर से सुनवाई के लिए 5 मार्च 2024 की तारीख निर्धारित की है.

मामले के अनुसार, याची के खिलाफ थाना धूमनगंज इलाहाबाद में वर्ष 2013 में एक प्राथमिकी धारा 376, 412, 495, 313, 317, 498-ए, 307, 323, 406 आईपीसी एवं 3/4 डीपी एक्ट के अन्तर्गत दर्ज कराई गई. पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया. हाईकोर्ट ने इस मामले में याची को अंतरिम राहत देते हुए आपराधिक केस की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. लेकिन, अंतरिम आदेश की अद्यतन जानकारी एसीजेएम कोर्ट को न देने पर एसीजेएम इलाहाबाद ने याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर उसे 2 फरवरी 24 को तलब कर लिया था.

यह भी पढ़ें: गाजीपुर में नाबालिग के साथ रेप: दोषियों को 20-20 साल की सजा, 8 महीने में कोर्ट ने सुनाया फैसला

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यह आदेश जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र ने याची लखनलाल मीणा की अर्जी पर पारित किया. कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम व सहयोगी अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम का कहना था कि हाईकोर्ट की फुलबेंच ने एशियन रिसरफेसी केस में क्वेश्चन ऑफ लॉ फ्रेम करके सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट फुल बेंच के प्रश्न पर सुनवाई करके निर्णय सुरक्षित कर लिया. इस पर अभी निर्णय आना बाकी है. अधिवक्ता का कहना था कि ऐसी स्थिति में याची को उक्त केस में मिली राहत को पुनर्जीवित किया जाए और उसके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को समाप्त किया जाए.

कोर्ट ने अंतरिम आदेश को पुनर्बहाल करने की अर्जी एवं इस संबंध में दाखिल हलफनामा पर विचार करने के बाद याची द्वारा दाखिल अर्जी को मंजूर कर लिया. इस केस में पूर्व पारित अंतरिम आदेश 28 जुलाई 2024 को फिर से 5 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है. कोर्ट ने याची की याचिका पर फिर से सुनवाई के लिए 5 मार्च 2024 की तारीख निर्धारित की है.

मामले के अनुसार, याची के खिलाफ थाना धूमनगंज इलाहाबाद में वर्ष 2013 में एक प्राथमिकी धारा 376, 412, 495, 313, 317, 498-ए, 307, 323, 406 आईपीसी एवं 3/4 डीपी एक्ट के अन्तर्गत दर्ज कराई गई. पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया. हाईकोर्ट ने इस मामले में याची को अंतरिम राहत देते हुए आपराधिक केस की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. लेकिन, अंतरिम आदेश की अद्यतन जानकारी एसीजेएम कोर्ट को न देने पर एसीजेएम इलाहाबाद ने याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर उसे 2 फरवरी 24 को तलब कर लिया था.

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