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अधिकारियों को माननीय कह कर संबोधित करने पर हाईकोर्ट ने उठाया सवाल, सरकार से मांगा जवाब - Allahabad High Court News - ALLAHABAD HIGH COURT NEWS

प्रयागराज में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारियों को माननीय कह कर संबोधित करने पर सवाल उठाया. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या कोई ऐसा कोई प्रोटोकॉल है. माननीय जैसे विशेषण मंत्रियों या संप्रभु कार्यकारी के संबोधन में करने का चलन है.

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अधिकारियों को माननीय लिखने पर हाईकोर्ट की प्रतिक्रिया (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 7:13 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों के संबोधन में माननीय (ऑनरेबल) जैसे विशेषण का उपयोग करने पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अधिकारियों को उनके नाम अथवा पद नाम से पूर्व माननीय जैसे विशेषण लगाकर संबोधित करने का कोई प्रोटोकॉल हो, तो उसकी जानकारी न्यायालय को दी जाए.

इटावा के कृष्ण गोपाल राठौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने प्रमुख सचिव राजस्व से इस बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में आया कि कलेक्टर इटावा ने मंडलीय कमिश्नर कानपुर डिवीजन को लिखे एक आधिकारिक पत्र में माननीय (ऑनरेबल) कमिश्नर लिख कर संबोधित किया.

कोर्ट ने कहा कि सरकारी पत्राचार में राज्य के अधिकारियों के संबोधन में ऐसा लगातार किया जा रहा है. जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा कोई प्रोटोकॉल है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि माननीय जैसे विशेषण का उपयोग निश्चित रूप से मंत्रियों और अन्य संप्रभु कार्यकारियों के साथ किया जाता है. मगर यह पता नहीं है कि यह सरकार की सेवा कर रहे सचिवों के लिए उचित है या नहीं. कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व को 1 अक्टूबर तक इस पर हलफनामा दाखिल कर जानकारी देने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- IIT जेई क्रैक किया, फीस न भर पाने से नहीं मिला एडमिशन; पढ़िए- मुजफ्फरनगर के दलित छात्र का झकझोर देने वाला संघर्ष - Petition for admission in IIT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों के संबोधन में माननीय (ऑनरेबल) जैसे विशेषण का उपयोग करने पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अधिकारियों को उनके नाम अथवा पद नाम से पूर्व माननीय जैसे विशेषण लगाकर संबोधित करने का कोई प्रोटोकॉल हो, तो उसकी जानकारी न्यायालय को दी जाए.

इटावा के कृष्ण गोपाल राठौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने प्रमुख सचिव राजस्व से इस बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में आया कि कलेक्टर इटावा ने मंडलीय कमिश्नर कानपुर डिवीजन को लिखे एक आधिकारिक पत्र में माननीय (ऑनरेबल) कमिश्नर लिख कर संबोधित किया.

कोर्ट ने कहा कि सरकारी पत्राचार में राज्य के अधिकारियों के संबोधन में ऐसा लगातार किया जा रहा है. जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा कोई प्रोटोकॉल है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि माननीय जैसे विशेषण का उपयोग निश्चित रूप से मंत्रियों और अन्य संप्रभु कार्यकारियों के साथ किया जाता है. मगर यह पता नहीं है कि यह सरकार की सेवा कर रहे सचिवों के लिए उचित है या नहीं. कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व को 1 अक्टूबर तक इस पर हलफनामा दाखिल कर जानकारी देने का निर्देश दिया है.

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