प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी हापुड़ एसिड अटैक पीड़ित के मांगपत्र पर सुनवाई कर तीन माह में सुप्रीम कोर्ट के परिवर्तन केंद्र केस के फैसले व नियमानुसार आदेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पीड़ित को दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी के समक्ष एक माह में मांगपत्र पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने हापुड़ के असलम की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.
कोर्ट ने कहा कि आदेश की कॉपी याची को पंजीकृत डाक से भेजी जाए. विधिक सेवा समिति की ओर से अधिवक्ता आशुतोष गुप्ता ने कहा कि समिति की बजाय याची को सक्षम अधिकारी से मांग करनी चाहिए. वह नियमानुसार कार्रवाई करेंगे, जिस पर कोर्ट ने उक्त आदेश दिया है. पीड़ित याची को सरकार ने बतौर मुआवजा पांच लाख रुपये दिए हैं. याची ने बढ़ाकर मुआवजा एक करोड़ करने, सरकारी नौकरी, मासिक पेंशन, शारीरिक व मानसिक मुफ्त इलाज कराने, आय का नियमित श्रोत बनाने जैसी मांग की हैं.
याची की उम्र इस समय 35 वर्ष है, जब वह 27 वर्ष का था तो तीन अज्ञात लोगों ने उस पर एसिड अटैक किया जिससे उसने विजन खो दिया. चेहरा विद्रूप हो गया. वह शारीरिक व मानसिक आघात झेल रहा है. उसे सौ फीसदी दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया गया है. याची ने अपने इलाज व मासिक खर्च की आय के लिए सहायता व मुआवजा बढ़ाने की मांग में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
प्रयागराज में कालिंदीपुरम फ्लाईओवर की लंबाई बढ़ाने की मांग पर जवाब तलब: कालिंदीपुरम फ्लाईओवर की लंबाई बढ़ाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. उमेश वत्स की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता व न्यायमूर्ति विकास बुधवार की अदालत ने यह आदेश दिया. कलिंदीपुरम निवासी याची उमेश वत्स ने फ्लाई ओवर की लंबाई बढ़ाने की मांग की है.
उनका कहना है कि फ्लाईओवर को कालिंदीपुरम बाजार में गिराया जा रहा है. इससे जाम के हालत पहले की तरह ही रहेंगे. उन्होंने फ्लाईओवर की लंबाई मुख्य बाजार से बढ़ाकर 120 फुट रोड तक करने की मांग की है. इसके साथ ही सर्विस रोड, वाहनों के लिए पार्किंग बनाने, सीवर लाइन की व्यवस्था सुधारने आदि की मांग याचिका में की गई है. कोर्ट ने विपक्षियों से 12 नवंबर तक जवाब मांगा है.
ये भी पढे़ें-हाईकोर्ट ने कहा- किसी को रोजगार से वंचित करना उचित नहीं, पुलिस कांस्टेबल की बर्खास्तगी का आदेश रद्द