जींद: बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-2 यानी ग्रैप की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं. इसके बाद भी पर्यावरण मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इसके चलते जींद में वायु प्रदूषण का स्तर (वायु गुणवत्ता सूचकांक) एक्यूआई बेहद खराब की श्रेणी में 310 दर्ज किया गया. शुक्रवार को टूटी और निर्माणाधीन सड़कों पर धूल के गुबार उड़ते रहे. इसके अलावा कई स्थानों पर कूड़ा भी जलता मिला.
जींद में वायु प्रदूषण की श्रेणी 'बेहद खराब': जींद में निर्माण कार्यों की सामग्री खुले में हवा के साथ जहर घोल रही हैं. एक ओर जहां पराली के धुएं के कण शहर की आबोहवा में जहर घोल रहे हैं. वहीं लोग पर्यावरण मानकों का जमकर उल्लंघन करने में लगे हैं. शुक्रवार को रेलवे जंक्शन और अर्बन एस्टेट के ढाबा पार्क के पास कूड़े में आग लगाई हुई थी, जिसका जहरीला धुआं हवा में घुल रहा था.
जींद में धड़ल्ले से चल रहा निर्माण: शहर के रेलवे रोड पर पिछले कई दिनों से पगडंडी का निर्माण चल रहा है. हालांकि निर्माण अंतिम चरण में है. पगडंडी को सुंदर बनाने के लिए दोनों तरफ पत्थर लगाए जा रहे हैं, लेकिन पत्थर को तराशने और काटते समय वहां पर खूब धूल उड़ती है. इसके अलावा निर्माण सामग्री के पास से गुजरते वाहन भी धूल का गुबार छोड़ जाते हैं, जिससे वहां से गुजरते समय अन्य वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है.
मैदान में उतरी हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें: कई बार कूड़ा उठाने के जिम्मेदार कर्मी ही इसमें आग लगा देते हैं. इससे यहां आस-पास रहने वालों को धुएं से घुटन का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा शहर की टूटी सड़कों से उड़ती मिट्टी और धूल भी हवा में जहर घोल रही हैं. ग्रैप-2 के नियमों की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें क्षेत्र में उतरी हुई हैं.
जिले में तीन टीमें कूड़ा जलाने, निर्माण सामग्री सड़क पर रखने और अन्य नियमों के खिलाफ कार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. ग्रैप-2 लागू होने के बाद से टीमों को क्षेत्र में उतारा गया है. नियमों को तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी- अनिल, एसडीओ, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
दोपहर बाद 283 पर पहुंचा एक्यूआई: जींद लघु सचिवालय के सामने शुक्रवार दोपहर बाद एक्यूआई 283 पर पहुंच गया. हालांकि पूरा दिन हल्की-हल्की हवा चल रही थी, लेकिन उसके बावजूद भी एक्यूआई का स्तर नीचे नहीं आया. शहर के भिवानी रोड, रोहतक रोड, नरवाना और सेक्टर-7 में एक्यूआई 300 दर्ज किया गया था. रेलवे जंक्शन पर अक्सर कर्मचारी कूड़ा एकत्रित कर आग लगा देते हैं.
वायु प्रदूषण से लोगों को हो रही परेशानी: वहीं जेडी-7 पर बन रही सड़क पर मिट्टी डाली हुई है, जिससे वाहनों के आवागमन से सारा दिन धूल उड़ती रहती है. इससे पर्यावरण तो प्रदूषित हो ही रहा है बल्कि लोग भी परेशान हो रहे हैं. रोजाना कूड़े और डिस्पोजल को एकत्रित कर वहां आग के हवाले कर दिया जाता है. कूड़े को जलाने पर निकलने वाला धुआं फेफड़ों के लिए घातक होता है. लंबे समय तक इस स्तर पर प्रदूषण रहने से लोगों को सांस की बीमारी हो जाती है.
क्यों होता है वायु प्रदूषण? अक्टूबर से नवंबर माह के बीच मौसम में हल्की नमी रहती है. इस दौरान तेज हवा ना चलने से पर्यावरण में धूल और धुएं के कण कम ऊंचाई पर ही ठहर जाते हैं. धूल और धुएं के कण आसमान में एक गैस चैंबर सा बना लेते हैं. इससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है और अधिक समय तक इसके रहने से लोग फेफड़ों की गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं.