ETV Bharat / state

दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा और यूपी जिम्मेदारः AAP

दिल्ली में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण के पीछे असली कारण पड़ोसी राज्य हैं. आप ने कहा कि यह खुलासा केंद्र सरकार की एजेंसी ने किया.

मुख्यमंत्री आतिशी.
मुख्यमंत्री आतिशी. (IANS)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 16, 2024, 8:22 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक बड़ा दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक हैं पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश. आम आदमी पार्टी (AAP) के अनुसार, केंद्र सरकार की एजेंसी इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) के आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि इन राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जो सीधे तौर पर दिल्ली के वायुमंडल को प्रभावित कर रही है.

पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी: AAP के मुताबिक, पिछले वर्ष के मुकाबले 1 से 14 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 27% की कमी आई है. हालांकि, हरियाणा में यह आंकड़ा 23% और उत्तर प्रदेश में 71% की वृद्धि दिखा रहा है. यह स्पष्ट करता है कि पड़ोसी राज्य प्रदूषण नियंत्रण के प्रति गंभीर नहीं हैं और इसके समाधान के लिए कोई प्रभावी योजना नहीं बना रहे हैं.

दिल्ली का वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) पिछले तीन दिनों से 200 के पार जा चुका है, जो उसके खराब श्रेणी में आता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का एक मुख्य कारण भी पराली जलाना है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हो रही पराली जलाने की घटनाएं दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं.

दिल्ली सरकार के प्रयास: दिल्ली सरकार ने पिछले दस वर्षों में प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. पार्टी ने यह भी कहा कि राजधानी में लगभग 2,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं, जो पूरे देश में सर्वाधिक हैं. इसके विपरीत, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या शून्य है. इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के कारण अपने सभी थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए हैं. जबकि, पड़ोसी राज्यों ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है.

यह भी पढ़ें- गाजियाबाद: ग्रेप लागू होने के बाद हरकत में UPPCB, कई विभागों को सौंपी गई प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी

निर्माण गतिविधियों से उत्पन्न प्रदूषण: दिल्ली में भी निर्माण गतिविधियों को एक बड़ा प्रदूषक मानते हुए सरकार ने इस पर नियंत्रण रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस संबंध में एक प्लान साझा किया है, जिसमें बताया गया है कि दिल्ली की सड़कों पर 99 टीमें निर्माण धूल और संबंधित नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए तैनात की गई हैं.

इस प्रकार, दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्यों की लचर नीतियों और पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं की ओर इशारा करते हुए प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए उनकी जिम्मेदारी को स्वीकार करने को कहा है.

(IANS)

यह भी पढ़ें- दिल्ली में खराब होने लगी है हवा, फेफड़ों के साथ-साथ आंखों का रखें खास ख्याल

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक बड़ा दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक हैं पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश. आम आदमी पार्टी (AAP) के अनुसार, केंद्र सरकार की एजेंसी इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) के आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि इन राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जो सीधे तौर पर दिल्ली के वायुमंडल को प्रभावित कर रही है.

पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी: AAP के मुताबिक, पिछले वर्ष के मुकाबले 1 से 14 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 27% की कमी आई है. हालांकि, हरियाणा में यह आंकड़ा 23% और उत्तर प्रदेश में 71% की वृद्धि दिखा रहा है. यह स्पष्ट करता है कि पड़ोसी राज्य प्रदूषण नियंत्रण के प्रति गंभीर नहीं हैं और इसके समाधान के लिए कोई प्रभावी योजना नहीं बना रहे हैं.

दिल्ली का वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) पिछले तीन दिनों से 200 के पार जा चुका है, जो उसके खराब श्रेणी में आता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का एक मुख्य कारण भी पराली जलाना है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हो रही पराली जलाने की घटनाएं दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं.

दिल्ली सरकार के प्रयास: दिल्ली सरकार ने पिछले दस वर्षों में प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. पार्टी ने यह भी कहा कि राजधानी में लगभग 2,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं, जो पूरे देश में सर्वाधिक हैं. इसके विपरीत, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या शून्य है. इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के कारण अपने सभी थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए हैं. जबकि, पड़ोसी राज्यों ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है.

यह भी पढ़ें- गाजियाबाद: ग्रेप लागू होने के बाद हरकत में UPPCB, कई विभागों को सौंपी गई प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी

निर्माण गतिविधियों से उत्पन्न प्रदूषण: दिल्ली में भी निर्माण गतिविधियों को एक बड़ा प्रदूषक मानते हुए सरकार ने इस पर नियंत्रण रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस संबंध में एक प्लान साझा किया है, जिसमें बताया गया है कि दिल्ली की सड़कों पर 99 टीमें निर्माण धूल और संबंधित नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए तैनात की गई हैं.

इस प्रकार, दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्यों की लचर नीतियों और पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं की ओर इशारा करते हुए प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए उनकी जिम्मेदारी को स्वीकार करने को कहा है.

(IANS)

यह भी पढ़ें- दिल्ली में खराब होने लगी है हवा, फेफड़ों के साथ-साथ आंखों का रखें खास ख्याल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.