बारां. शुक्रवार देर रात को फल मंडी के सामने स्थित आयुष्मान हॉस्पिटल में उस समय हंगामा हो गया जब अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता की इलाज के दौरान मौत हो गई. सबसे बड़ी आश्चर्य की बात तो यह रही की प्रसूता की मौत के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी बताते हुए मृत महिला को कोटा रेफर कर दिया. इसके बाद परिजनों को पता लगने पर अस्पताल में हंगामा हो गया और सड़क पर जाम लगा दिया.
सूचना पर मौके पर पहुंची कोतवाली थाना पुलिस व भाजपा के युवा नेताओं ने आपसी समझाइश का प्रयास किया और उसके बाद मामला शांत हुआ. हंगामे के चलते अस्पताल में मौजूद चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए. हॉस्पिटल में भर्ती दूसरे मरीजों को फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. मृतक प्रसूता के पति बलबीर नागर ने बताया की मेरी पत्नी प्रसूता सुनीता नागर का इलाज डॉक्टर मालती मीणा की देखरेख में चल रहा था जो की आयुष्मान हॉस्पिटल की मालकिन है. शुक्रवार को मैं उसे डॉक्टर को दिखाने लाया था जहां डॉक्टर मालती मीणा ने प्रसूता सुनीता नागर को भर्ती कर लिया और प्रसव कराने की बात कही.
बलबीर ने बताया कि इस पर मैंने सुबह 11 बजे ही अस्पताल में पैसे जमा करा दिए और शाम को अचानक बोलते हैं की कोटा ले जाओ हमारे बस की बात नही है. जब मैंने उसे दूसरे डॉक्टर से जांच कराई तो उन्होंने उसे मृत बताया. अस्पताल प्रशासन ने इलाज में लापरवाही बरतते हुए उसे मौत के बाद भी कोटा भेजा जा रहा था. कोतवाली एएसआई बनवारी लाल नागर ने बताया की मुझे सूचना मिली थी की आयुष्मान हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत पर हंगामा हो रहा है. जब मैं मौके पर पहुंचा तो सुनिता नागर पत्नी बलवीर स्ट्रैक्चर पर मृत हालत में पड़ी थी अस्पताल में कोई भी चिकित्सा कर्मी मोजूद नही था.