जयपुर: केंद्र की मोदी सरकार के बाद अब प्रदेश की भजनलाल सरकार ने आरएसएस विचारधारा से जुड़े राजकीय कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान में अब राजकीय कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं और कार्यक्रमों में जाने पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया गया है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय से आरएसएस जुड़े कार्यक्रमों में राजकीय कर्मचारियों के जाने पर लगा प्रतिबंध के आदेश को प्रदेश की भजन लाल ने वापस ले लिया है.
विधानसभा में उठा था मुद्दा: दरअसल पिछले दिनों विधानसभा बजट सत्र के दौरान कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में केंद्र सरकार की ओर से आरएसएस के कार्यक्रम में कर्मचारियों के शामिल होने पर लगी रोक हटाए जाने के फैसले का विशेष उल्लेख करते हुए कहा था कि संघ ने देश की हर परिस्थितियों में जनहित के काम किए हैं. राहत कार्य के तहत कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो कोई नहीं कर सकता. इस संगठन का लक्ष्य भारत माता का गौरव बढ़ाना है, लेकिन 1966 में केंद्र सरकार ने संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया.
हाल ही में केंद्र सरकार ने इससे प्रतिबंध को हटा लिया. हरियाणा, हिमाचल, छत्तीसगढ़ और एमपी में भी आरएसएस से प्रतिबंध हट गया है, लेकिन राजस्थान में आज भी यह आदेश लागू है. उन्होंने सरकार से मांग की थी कि प्रदेश में सरकार यह आदेश वापस ले, जिससे राष्ट्र सेवा को समर्पित इस संगठन से भी जुड़ सकें. भाजपा विधायकों की इस मांग को राज्य सरकार ने स्वीकार करते हुए प्रतिबंध के आदेश को राजस्थान में भी वापस ले लिया है. सरकार के इस आदेश के बाद अब आरएसएस विचारधारा से जुड़े राजकीय कर्मचारी संघ से जुड़े कार्यक्रमों और गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे.