नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने शनिवार को निगम बोध घाट (वासुदेव घाट प्रोजेक्ट का एक हिस्सा) के पास के क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया. यमुना फ्लड प्लेन एरिया के अतिक्रमण को हटाने के लिए डीडीए ने 28 और 31 मई को दो बड़े डेमोलिशन ड्राइव चलाए. इसके तहत डीडीए ने अवैध अखाड़े और धार्मिक स्थल को हटाने की बड़ी कार्रवाई की है. हाई कोर्ट ने इस जमीन को लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए विचाराधीन भूमि को डीडीए की बताया है.
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डीडीए ने 'महंत श्री नागा बाबा भोला गिरी बनाम जिला मजिस्ट्रेट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट केस' में कोर्ट के आए फैसले के अनुपालन में 31 मई को एक और ड्राइव चलाया. इसके तहत निगम बोध घाट (वासुदेव घाट परियोजना का एक हिस्सा) के पास के क्षेत्र से 2 पक्के स्ट्रक्चर, 2 सेमी पक्का स्ट्रक्चर और एक धार्मिक स्ट्रक्चर (धर्मस्थल) को हटाया गया.
डीडीए ने 'पारस राम दंगल सोसाइटी बनाम एस्टेट ऑफिसर-IV डीडीए और एएनआर' केस में 28 मई के फैसले के अनुपालन में यमुना बाढ़ के मैदानी क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ आईएसबीटी ब्रिज के पास डेमोलिशन ड्राइव चलाया गया. इस दौरान सेमी पक्का स्ट्रक्चर, 1 धार्मिक स्ट्रक्चर और 1 रेसलिंग ग्राउंड (अखाड़ा) को हटा दिया गया है.
इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान मौजूद रहे. इस डेमोलिशन ड्राइव के दौरान निकला मलबा और सी एंड डी वेस्ट को साइट से हटा दिया गया है. अदालत के निर्देश पर डीडीए यमुना बाढ़ के मैदानों को बहाल करने का प्रयास कर रहा है. इसमें पारिस्थितिक बहाली के साथ ही अतिक्रमण की गई जमीन पर पुनः कब्ज़ा भी शामिल है.
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