जयपुर: प्रदेश में मानसून के विदा होने के बाद मौसमी बीमारियों का कहर लगातार जारी है प्रदेश में जहां डेंगू लगातार अपने पैर पसार रहा है तो वहीं अब स्क्रब टायफस के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है. स्क्रब टायफस के मामले सबसे अधिक जयपुर, उदयपुर, राजसमंद, कोटा, अलवर जिले में देखने को मिल रहे हैं. अब तक 2000 से अधिक पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं.
हाई अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश: इसके अलावा प्रदेश में डेंगू और मलेरिया भी तेजी से फैल रहा है. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का कहना है कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार आगामी करीब एक माह मौसमी बीमारियों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है. इसे ध्यान में रखते हुए मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के माकूल इंतजाम किए जा रहे हैं. मंत्री ने मौसमी बीमारियों के केस में वृद्धि को देखते हुए चिकित्सा विभाग को हाई अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं.
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जयपुर में चार मरीजों की मौत: प्रदेश में स्क्रब टायफस के कुल 2151 मामले सामने आ चुके हैं. अब तक 6 मरीजों की मौत हो चुकी है. प्रदेश में सर्वाधिक मामलों की बात करें तो जयपुर में 338, अलवर में 151, दौसा में 124, कोटा में 178, उदयपुर में 357, चित्तौड़गढ़ में 112 और राजसमंद में 230 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा इस बीमारी से राजधानी जयपुर में अभी तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है. जबकि भरतपुर और सीकर में एक-एक मरीज की मौत दर्ज की गई है.
स्क्रब टायफस के लक्षण:
- तेज बुखार
- सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों में दर्द
- कीड़े के काटने का गोल और ब्लैक मार्क
- प्लेटलेट्स की संख्या कमी
स्क्रब टायफस फैक्ट:
- बीमारी का पता ब्लड टेस्ट से
- सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो लंग्स, किडनी और लीवर पर भी असर
- कुछ मरीजों में लिवर व किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती.
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डेंगू का प्रकोप जारी: वहीं प्रदेश में यदि डेंगू की स्थिति की बात करें, तो कुल 4816 मामले डेंगू के सामने आ चुके हैं. हर दिन आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जबकि एक मरीज की मौत हो गई है. इसके अलावा मलेरिया के अभी तक 1098 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि चिकनगुनिया के 171 केस दर्ज किए गए हैं. प्रदेश में मौसमी बीमारियों की बिगड़ती स्थिति के बाद चिकित्सा विभाग ने स्वास्थ्य कर्मियों के अवकाश निरस्त कर दिए हैं. एक कंट्रोल रूम भी स्वास्थ्य विभाग में स्थापित किया गया है.