पिथौरागढ़: उत्तराखंड का पिथौरागढ़ सामरिक दृष्टि से काफी अहम जिला है. इस जिले की सीमा नेपाल और चीन से लगती है. इसके अलावा प्रदेश का सबसे सीमांत जिला भी है. साथ ही जिले की भौगोलिक स्थिति भी काफी विषम है. इसके बावजूद खास बात ये है कि इस जिले की कमान महिलाओं पर है. अब रेखा यादव को जिले का एसपी बनाया गया है. इसके बाद प्रशासनिक से लेकर कानून व्यवस्था महिला अधिकारियों के हाथों में आ गई है.
पिथौरागढ़ से लगती है चीन और नेपाल की सीमाएं: बता दें कि पिथौरागढ़ से अंतरराष्ट्रीय सीमाएं यानी चीन और नेपाल के बॉर्डर लगते हैं, जिस वजह से पिथौरागढ़ जिला सामरिक दृष्टि से पूरे देश अपना महत्व रखता है. 24 फरवरी 1960 को पिथौरागढ़ को जिला बनाया गया था. वर्तमान में पिथौरागढ़ जिले में राजनीति से सरकारी पदों में महिलाएं काबिज हैं. साल 2011 की जनसंख्या के अनुसार पिथौरागढ़ जिले में महिलाओं की जनसंख्या 2,44,133 है. जबकि, पिथौरागढ़ जिले की कमान महिला डीएम रीना जोशी के हाथों में है. आईएएस रीना जोशी पिथौरागढ़ की पहली महिला जिलाधिकारी हैं.
पिथौरागढ़ में महिला है जिलाधिकारी: ऐसे में पिथौरागढ़ में जहां पहली महिला जिलाधिकारी के पद पर रीना जोशी कार्यरत हैं तो वहीं अब जिले में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी महिला को सौंपी गई है. रेखा यादव को पिथौरागढ़ का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. इससे पहले रेखा यादव चमोली की पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही थी. वहीं, पहले से ही रीना जोशी जिले में प्रशासनिक व्यवस्था देख रही हैं तो वहीं कानून व्यवस्था रेखा यादव संभालेंगी. जिससे जिले की कमान महिला अधिकारियों के हाथों में आ गई है.
अब एसपी भी महिला, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख भी हैं महिलाएं: वहीं, नव नियुक्त पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के सामने अभी लोकसभा चुनाव 2024 को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर भी इस जिले की लगती है तो सुरक्षा व्यवस्था भी बनाए रखना बड़ी जिम्मेदारी होगी. वहीं, डीएम रीना जोशी पिछले एक साल से लगातार जिले में अपने कार्यों को बखूबी निभा रही हैं. पिथौरागढ़ जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद महिला दीपिका बोहरा हैं. वहीं, जिले के 8 विकास खंडों में से 7 विकासखंडों में महिला ब्लॉक प्रमुख हैं.
आईपीएस रेखा यादव को जानिए: 2019 की उत्तराखंड कैडर की आईपीएस रेखा यादव मूल रूप से राजस्थान के जयपुर के कोटपुतली की रहने वाली हैं. रेखा अपने भाई बहनों में सबसे छोटी हैं. वे डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन बन कुछ और गईं. उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा दी. परीक्षा के सभी चरण पास करने के बाद रेखा यादव आईपीएस (IPS) अफसर बन गईं.
राजस्थान के जयपुर के कोटपुतली में अगस्त 1993 में रेखा यादव का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. वो स्कूल के समय से ही पढ़ने में काफी होशियार थीं. रेखा यादव के परिवार में कोई भी शख्स सरकारी नौकरी नहीं करता है. रेखा अपने परिवार में पहली हैं, जो सरकारी नौकरी करती हैं. उन्होंने अपने पिता और भाई को अपना आदर्श मानकर यह मुकाम हासिल किया है.
लोकेश्वर सिंह के कार्यों को आगे रखना चुनौतीपूर्ण: अभी तक लोकेश्वर सिंह पिथौरागढ़ में पुलिस अधीक्षक का जिम्मा संभाल रहे थे. उनका तबादला पौड़ी कर दिया गया है. अब लोकेश्वर सिंह पौड़ी के एसएसपी यानी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक होंगे. लोकेश्वर सिंह ने पिथौरागढ़ में एसपी रहते हुए नशाखोरों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया. जिसके तहत एक साल के भीतर शराब, चरस, अफीम की बरामदगी के साथ ही तमाम नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया.
अवैध नशे के कारोबार करने वालों को चिन्हित कर जिले में काफी हद तक नशे के कारोबार पर रोक लगाई. वहीं, जिले ऑनलाइन ठगी करने वाले दो दर्जन से ज्यादा आरोपियों को देश के कोने-कोने से गिरफ्तार कर लोगों की धनराशि भी लौटाई. वहीं, अब पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के लिए लोकेश्वर सिंह के कार्यों को आगे बढ़ाना भी एक चुनौती होगा. पिथौरागढ़ के लोगों ने बतौर एसपी लोकेश्वर सिंह के कार्यों को जमकर सराहा.
ये भी पढ़ें-