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स्टॉक ट्रेडिंग-IPO के नाम पर बड़ा खेल, फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर करवाया बड़ा निवेश, करोड़ों का लालच दिखाकर लूट - Stock Trading and IPO Fraud

Fraud in the name of Stock Trading and IPO: उत्तराखंड STF ने रुड़की निवासी एक व्यक्ति के साथ 43 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी मामले में आरोपी को इंदौर से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी स्टॉक ट्रेडिंग और IPO में निवेश के नाम पर लोगों को करोड़ों का चूना लगाता था.

accused arrested in fraud case in dehradun
उत्तराखंड STF के हत्थे चढ़ा इंदौर का ठग (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2024, 6:13 PM IST

देहरादून: रुड़की निवासी एक व्यक्ति के साथ 43 लाख से अधिक धनराशि की धोखाधड़ी मामले में आरोपी को इंदौर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयोग बैंक खाते का SMS अलर्ट नंबर सहित मोबाइल फोन, पास बुक व चेक बुक बरामद हुई है. आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक-इंस्टाग्राम) पर विज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करते थे और स्टॉक ट्रेडिंग और IPO में निवेश करके अधिक मुनाफे का लालच देकर धनराशि जमा करवाते थे. साथ ही स्टॉक ट्रेडिंग के लिए gpc.boutique नाम की फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीड़ितों को करोड़ों का मुनाफा सहित धनराशि दर्शाकर लालच देकर ठगी की जाती थी.

जून 2024 में दर्ज हुआ था केस: रुड़की निवासी एक व्यक्ति द्वारा जून 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया गया. जिसमें बताया गया कि एक दिन उसके इंस्टाग्राम आईडी पर स्टॉक ट्रेडिंग की जानकारी संबंधित एक विज्ञापन आया और उसे व्हाट्सएप ग्रुप Fortune Alliance 701 और SVIP-2717 से जोड़ा गया, जिसमें उसे स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश करके अच्छा खासा मुनाफा कमाने का प्रलोभन दिया गया.

निवेश के नाम पर अधिक मुनाफे का दिया जाता था लालच: इसके बाद एक वेबसाइट https://gpc.boutique/#/pages/login/login उपलब्ध कराई गई और उसके आधार कार्ड और पेन कार्ड आदि की प्रतियां ली गई. वेबसाइट पर ही पीड़ित का एक खाता खोला गया और बताया गया कि उनके द्वारा किए गये निवेश का जितना भी मुनाफा होगा, वो उनके खाते में जमा होगा. ये भी कहा गया कि वो खाते की डिटेल भी वेबसाइट पर ही देख सकते हैं.

स्टॉक ट्रेडिंग के नाम ठग करते थे ठगी: पीड़ित को विश्वास दिलाया गया कि स्टॉक मार्केट सोमवार से शुक्रवार चलता है, जिसमें सोमवार से शुक्रवार में सुबह 9 से दोपहर 3:30 बजे तक वो अपना पैसा अपने खाते से निकाल सकते हैं. फिर पीड़ित ने अपनी मुनाफा रकम में से ₹2 हजार रुपए निकाले का आग्रह किया तो ठगों द्वारा पीड़ित को रुपए अदा किए गए. जिसके बाद प्रलोभन के जाल में फंसा कर मेरठ, गुजरात, पश्चिम बंगाल स्थित अलग-अलग बैंक खातों में पीड़ित व्यक्ति से पैसा जमा करवाया गया. वेबसाइट पर स्टॉक ट्रेडिंग निवेश से पीड़ित के खाते में 1,80,56,050 रुपए मुनाफा राशि दर्शायी गई. 23 मई 2024 को 2,26,25,365 रुपए मुनाफा रकम दर्शायी गई. इससे पीड़ित को विश्वास हो गया कि स्टॉक ट्रेडिंग से उसको काफी मुनाफा हो रहा है.

रुड़की के व्यक्ति से 43 लाख से ज्यादा की ठगी: इसके बाद साइबर आरोपियों ने पीड़ित से कहा कि वो AWFI IPO में अपनी रकम इसमें निवेश करें. निवेश कराने के बाद जब व्यक्ति ने रकम निकालने को कहा तो लोगों द्वारा कहा गया कि उनका IPO ओवरवेट हो गया है और वो रकम नहीं निकाल सकते. खाता माइनस में चला गया है. इसे ठीक करने के लिए 98 लाख रुपए जमा कराने पड़ेंगे.

पीड़ित द्वारा इतनी बड़ी रकम देने से साफ इंकार कर दिया गया. इसके बाद ठगों ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि किसी भी नुकसान की सारी जिम्मेदारी वो लेते हैं और पीड़ित से केवल 9 लाख रुपए जमा करने को कहा. अपनी रकम बचाने के लिए व्यक्ति ने 9 लाख रुपए दे दिए. इसके बाद ठगों ने जमा कराई गई रकम और मुनाफा रकम देने से मना कर दिया. इस प्रकार साइबर ठगों द्वारा पीड़ित के साथ 43 लाख 11 हजार रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया.

इंदौर से पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी: साइबर क्राइम पुलिस द्वारा घटना में प्रयोग बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंंपनी, मेटा और गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया. बैंक खातों को चेक करने पर आरोपियों द्वारा इन बैंक खातों में फर्जी आईडी से लिये गये मोबाइल नंबरों को एसएमएस अलर्ट के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था, जिसके बाद आरोपी को इंदौर (मध्य प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया.

एसटीएफ एसएसपी ने मामले का किया खुलासा: एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर विज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क किया जाता था और स्टॉक ट्रेडिंग और IPO में निवेश करके अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता था. ट्रेडिंग के लिए फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीड़ितों से जमा करवाई गई. धनराशि को वेबसाइट पर मुनाफा सहित करोड़ों रुपए में दर्शाकर लालच निवेश के नाम पर अधिक से अधिक धनराशि जमा करवाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है. उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अपनी अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था.

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देहरादून: रुड़की निवासी एक व्यक्ति के साथ 43 लाख से अधिक धनराशि की धोखाधड़ी मामले में आरोपी को इंदौर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयोग बैंक खाते का SMS अलर्ट नंबर सहित मोबाइल फोन, पास बुक व चेक बुक बरामद हुई है. आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक-इंस्टाग्राम) पर विज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करते थे और स्टॉक ट्रेडिंग और IPO में निवेश करके अधिक मुनाफे का लालच देकर धनराशि जमा करवाते थे. साथ ही स्टॉक ट्रेडिंग के लिए gpc.boutique नाम की फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीड़ितों को करोड़ों का मुनाफा सहित धनराशि दर्शाकर लालच देकर ठगी की जाती थी.

जून 2024 में दर्ज हुआ था केस: रुड़की निवासी एक व्यक्ति द्वारा जून 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया गया. जिसमें बताया गया कि एक दिन उसके इंस्टाग्राम आईडी पर स्टॉक ट्रेडिंग की जानकारी संबंधित एक विज्ञापन आया और उसे व्हाट्सएप ग्रुप Fortune Alliance 701 और SVIP-2717 से जोड़ा गया, जिसमें उसे स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश करके अच्छा खासा मुनाफा कमाने का प्रलोभन दिया गया.

निवेश के नाम पर अधिक मुनाफे का दिया जाता था लालच: इसके बाद एक वेबसाइट https://gpc.boutique/#/pages/login/login उपलब्ध कराई गई और उसके आधार कार्ड और पेन कार्ड आदि की प्रतियां ली गई. वेबसाइट पर ही पीड़ित का एक खाता खोला गया और बताया गया कि उनके द्वारा किए गये निवेश का जितना भी मुनाफा होगा, वो उनके खाते में जमा होगा. ये भी कहा गया कि वो खाते की डिटेल भी वेबसाइट पर ही देख सकते हैं.

स्टॉक ट्रेडिंग के नाम ठग करते थे ठगी: पीड़ित को विश्वास दिलाया गया कि स्टॉक मार्केट सोमवार से शुक्रवार चलता है, जिसमें सोमवार से शुक्रवार में सुबह 9 से दोपहर 3:30 बजे तक वो अपना पैसा अपने खाते से निकाल सकते हैं. फिर पीड़ित ने अपनी मुनाफा रकम में से ₹2 हजार रुपए निकाले का आग्रह किया तो ठगों द्वारा पीड़ित को रुपए अदा किए गए. जिसके बाद प्रलोभन के जाल में फंसा कर मेरठ, गुजरात, पश्चिम बंगाल स्थित अलग-अलग बैंक खातों में पीड़ित व्यक्ति से पैसा जमा करवाया गया. वेबसाइट पर स्टॉक ट्रेडिंग निवेश से पीड़ित के खाते में 1,80,56,050 रुपए मुनाफा राशि दर्शायी गई. 23 मई 2024 को 2,26,25,365 रुपए मुनाफा रकम दर्शायी गई. इससे पीड़ित को विश्वास हो गया कि स्टॉक ट्रेडिंग से उसको काफी मुनाफा हो रहा है.

रुड़की के व्यक्ति से 43 लाख से ज्यादा की ठगी: इसके बाद साइबर आरोपियों ने पीड़ित से कहा कि वो AWFI IPO में अपनी रकम इसमें निवेश करें. निवेश कराने के बाद जब व्यक्ति ने रकम निकालने को कहा तो लोगों द्वारा कहा गया कि उनका IPO ओवरवेट हो गया है और वो रकम नहीं निकाल सकते. खाता माइनस में चला गया है. इसे ठीक करने के लिए 98 लाख रुपए जमा कराने पड़ेंगे.

पीड़ित द्वारा इतनी बड़ी रकम देने से साफ इंकार कर दिया गया. इसके बाद ठगों ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि किसी भी नुकसान की सारी जिम्मेदारी वो लेते हैं और पीड़ित से केवल 9 लाख रुपए जमा करने को कहा. अपनी रकम बचाने के लिए व्यक्ति ने 9 लाख रुपए दे दिए. इसके बाद ठगों ने जमा कराई गई रकम और मुनाफा रकम देने से मना कर दिया. इस प्रकार साइबर ठगों द्वारा पीड़ित के साथ 43 लाख 11 हजार रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया.

इंदौर से पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी: साइबर क्राइम पुलिस द्वारा घटना में प्रयोग बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंंपनी, मेटा और गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया. बैंक खातों को चेक करने पर आरोपियों द्वारा इन बैंक खातों में फर्जी आईडी से लिये गये मोबाइल नंबरों को एसएमएस अलर्ट के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था, जिसके बाद आरोपी को इंदौर (मध्य प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया.

एसटीएफ एसएसपी ने मामले का किया खुलासा: एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर विज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क किया जाता था और स्टॉक ट्रेडिंग और IPO में निवेश करके अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता था. ट्रेडिंग के लिए फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीड़ितों से जमा करवाई गई. धनराशि को वेबसाइट पर मुनाफा सहित करोड़ों रुपए में दर्शाकर लालच निवेश के नाम पर अधिक से अधिक धनराशि जमा करवाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है. उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अपनी अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था.

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