नई दिल्ली/नोए़डा: प्राइवेट कंपनी में साढ़े 10 लाख रुपये हड़पने का मामला सामने आया है. धोखाधड़ी कर कंपनी के 10 लाख 50 हजार रुपये हड़पने के मामले में पूर्व सह लेखाकार के खिलाफ थाना सेक्टर-126 में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज हुआ है. मुकदमा कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि की ओर से दर्ज कराया गया है.
क्या है पूरा मामला: दरअसल पुलिस को दी शिकायत में अमरिंदर सोढ़ी ने बताया कि सेक्टर-126 स्थित आइजीएल बिल्डिंग में द फूडफेलस के नाम से एक फूड कोर्ट है. ये ए टू जेड (A TO Z) कैटरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की एक इकाई है. वो इस कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि हैं. फूड कोर्ट का लेखाजोखा रखने के लिए कंपनी ने सुखविंदर सिंह को बतौर कैशियर सह लेखाकार के पद पर नियुक्त किया था.
नियमित अंतराल पर संबंधित फर्म की चार्टर्ड अकाउंटेंट की ओर से ऑडिट की जाती थी. चार्टर्ड अकाउंटेंट ने जब फर्म की ऑडिट की तो पता चला कि कंपनी के खातों में हेराफेरी हुई है और लाखों रुपये का गबन किया गया है. कई अन्य विसंगतियां भी ऑडिट करने वाली टीम को मिली.
इस संबंध में जब सुखविंदर से पूछताछ हुई तो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार किया और कहा कि गलती से उसने दस लाख 50 हजार रुपये की हेराफेरी की है. रकम का सुखविंदर और उनके पिता हरनाम सिंह के खाते में डिजिटल भुगतान हुआ है. सुखविंदर सिंह रुपये लौटाने के लिए सहमत हो गया और कुछ समय की मांग की.
विवाद को सुलझाने के लिए सुखविंदर सिंह ने वास्तव में कंपनी को पंजाब नेशनल बैंक से निकाले गए दो पीडीसी जारी किए थे. 13 दिसंबर 2023 के पत्र के माध्यम से अपना अपराध स्वीकार किया था. पीडीसी की मंजूरी के लिए बार-बार अनुरोध करने पर सुखविंदर सिंह कंपनी को भुगतान करने से बचने के लिए कोई न कोई बहाना बनाते रहते हैं.
आरोप है कि सुखविंदर सिंह ने कंपनी के खातों में हेराफेरी की है और रुपयों का दुरुपयोग किया है. पुलिस ने इस मामले में सुखविंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ें- न्यायालय के आदेश पर 1.32 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
इस मामले में पुलिस का कहना है कि पुलिस की एक टीम मामले की जांच कर रही है . दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया जाएगा. जो भी दोषी पाया जाएगा,उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर युवकों से दोस्ती कर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, युवती सहित चार गिरफ्तार