नई दिल्लीः आप पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को सोमवार दोपहर को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने उन्हें राऊज एवेन्यू की विशेष अदालत में पेश किया और 10 दिन के रिमांड की मांग की. विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने दोनों पक्षों को सुनवाई के बाद शाम सात बजे निर्णय सुरक्षित रख लिया. देर रात सवा दस बजे निर्णय सुनाते हुए अदालत ने अमानतुल्लाह खान को चार दिन के रिमांड पर भेजने का आदेश दिया.
विधायक अमानतुल्लाह खान से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दो एफआईआर से जुड़ा है. एक एफआईआर वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई से जुड़ी है, जबकि दूसरी दिल्ली एसीबी द्वारा आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले से संबंधित है.
सोमवार सुबह करीब छह और 7 बजे के बीच में ईडी की टीम विधायक के ओखला में जोगाबाई एक्सटेंशन स्थित घर पर छापेमारी करने पहुंच गई. दोपहर करीब 12 बजे तक तनातनी चली, लेकिन ईडी टीम को घर के अंदर नहीं घुसने दिया गया. विधायक ने दरवाजा नहीं खोला. भारी संख्या में विधायक के समर्थक मौके पर पहुंच गए. इसके बाद भारी संख्या में अर्धसैनिक बल व पुलिस को मौके पर बुलाया गया. अंत में छह घंटे की खींचतान के बाद विधायक के घर का दरवाजा खुला और जांच एजेंसी ने सुरक्षा बलों की मदद से उनको गिरफ्तार कर लिया.
ईडी पहुंची तो दरवाजे पर हुई जमकर बहस
अमानतुल्लाह खान और ईडी अधिकारियों के बीच घर के दरवाजे पर ही जमकर बहस हुई. ईडी के अधिकारियों ने विधायक से कहा कि वह घर से बाहर आकर बात करें. इस पर अमानतुल्लाह ने जवाब दिया कि आपसे चार हफ्ते का समय मांगा था. मेरी सास का तीन दिन पहले ही ऑपरेशन हुआ है. आप मुझे फिर से गिरफ्तार करने आ गए.
आखिर ये तानाशाही कब तकः अमानतुल्लाह
विधायक अमानतुल्लाह खान ने एक्स पर एक वीडियो जारी किया. इसमें वो कह रहे हैं, सुबह-सुबह तानाशाह के इशारे पर उनकी कठपुतली ईडी मेरे घर पर पहुंच चुकी है. मुझे और आप नेताओं को परेशान करने में तानाशाह कोई कसर नहीं छोड़ रहा. ईमानदारी से अवाम की खिदमत करना गुनाह है? आखिर ये तानाशाही कब तक? विधायक ने कहा कि उन्होंने ईडी के सभी नोटिस का जवाब दिया है. फिर भी फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं. वह सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि मेरी पार्टी को भी परेशान कर रहे हैं. उनका मकसद है हमें तोड़ना और हमें अलग करना है.
गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में ईडी ने क्या कहा
ईडी ने अदालत को बताया कि तलाशी के दौरान खान से कुछ सवाल पूछे गए, लेकिन वह टालमटोल करते रहे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया. ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि खान इस मामले में पूरे विवाद के मुख्य आरोपी हैं और अपराध की आय का उपयोग संपत्ति खरीदने के लिए किया गया है. नकदी का भी इस्तेमाल किया गया है. अदालत ने यह भी कहा कि एजेंसी ने अमानतुल्लाह को गिरफ्तारी की पूरी जानकारी दी है, ऐसे में गिरफ्तारी को अवैध नहीं कहा जा सकता है. अदालत ने कहा कि कौसर खान सिद्दीकी से बरामत डायरी के अनुसार विवादित सम्पति की खरीद के बदले 36 करोड़ दिए गए, जिसमें से 27 करोड़ नगद दिए गए थे.
कोर्ट ने क्या कहा
अदालत ने कहा कि यह स्थापित सत्य है कि वित्तीय अनियमितता की साजिश गोपनीय तरीके से रची जाती है और और इसमें बड़े पैमाने पर सब पत्तियों की लेनदेन भी की जाती है. ऐसे मामले में, आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने और इकट्ठा किए सबूत से आमना-सामना करने की जरूरत होती है. ऐसे में, अमानतुल्लाह को चार दिन की डिमांड पर भेजते हुए एजेंसी को निर्देश दिया जाता है कि उनके साथ पूछताछ की पूरी कार्रवाई सीसीटीवी कैमरे में की जाएगी. इसके साथ ही अदालत ने अमानतुल्लाह को डाक्टर द्वारा दी गई दवाइयां ले जाने और घर का खाना खाने की कोर्ट ने अनुमति दे दी.
गिरफ्तारी को चुनौती
पेशी के दौरान अमानतुल्लाह खान की ओर से पेश वकील ने ईडी की ओर से गिरफ्तार किए जाने को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि जब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया. उसी दिन सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की थी. एसीबी के मामले में ट्रायल कोर्ट ने नियामत जमानत दी थी. उन्होंने कहा कि अमानतुल्लाह खान की ओर से पैसे की कोई हेराफेरी नहीं हुई है और न ही किसी भी सह-आरोपी और या उसके पास से कोई पैसा ही बरामद हुआ है. सीबीआई की ओर से एफआईआर दर्ज करने के छह साल बाद चार्जशीट दाखिल हुई और इस मामले में सीबीआई गिरफ्तार भी नहीं किया था.
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपी है. इस मामले में चार लोग पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने कहा कि अमानतुल्लाह खान ने जांच में सहयोग नहीं किया. ईडी ने 14 समन जारी किए थे लेकिन केवल एक में ही पेश हुआ और वो भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर. ईडी ने अमानतुल्लाह खान की ओर से जांच को गुमराह करने का आरोप लगाया. ईडी ने कहा कि अमानतुल्लाह खान को दूसरे आरोपियों के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने की जरुरत है इसलिए अमानतुल्लाह खान की दस दिनों की हिरासत दी जाए.
ईडी के मुताबिक, अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की औऱ अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी के मुताबिक छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं जिनसे पता चलता है कि वो मनी लाउंड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं.
जानिए- कौन-कौन है इस मामले में आरोपी
बता दें कि ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी. करीब पांच हजार पेजों के चार्जशीट ने ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है. उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर को आरोपी बनाया है. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया है. ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है.
ईडी के मुताबिक, आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई। आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपए की एंट्री की गई है. जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची। जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी.
इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. सीबीआई ने अमानतुल्लाह खान के अलावा जिन आरोपियों को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था.
जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई. सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक, इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.