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दिल्ली वक्फ बोर्ड मामले में अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे आप विधायक अमानतुल्लाह खान

आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वार कथित अनियमितताओं के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 2, 2024, 11:02 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया है. हाईकोर्ट अग्रिम जमानत याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा. अमानतुल्लाह खान ने ट्रायल कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

बता दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1 मार्च को अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर कर दी थी. सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अमानतुल्लाह खान को अगर अग्रिम जमानत दी गई तो वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे. ईडी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी ने कहा था कि छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं.

अमानतुल्लाह खान की ओर से पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा था कि एक ही मामले में दो एफआईआर दर्ज किए गए हैं. सीबीआई ने 23 नवंबर 2026 को पहली एफआईआर दर्ज की थी. आरोप ये है कि अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन गलत तरीके से नियुक्त किया गया. सीबीआई ने इस मामले को ये कहते हुए बंद कर दिया कि ये प्रशासनिक गड़बड़ी है. गुरुस्वामी ने कहा कि ये निर्विवाद कानून है कि एक ही मामले के लिए दो एफआईआर दर्ज नहीं किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा था कि दोनों ही मामलों में जमानत के आदेश में साफ कहा गया है कि राजकोष को कोई नुकसान नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें : दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल किया था. करीब पांच हजार पेजों के चार्जशीट में ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर को आरोपी बनाया है. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया है.

ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है. ईडी के मुताबिक आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपए की एंट्री की गई है. जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची. जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी.

ये भी पढ़ें : वक्फ बोर्ड मामला: अमानतुल्लाह खान ने ED के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली

इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. सीबीआई ने अमानतुल्लाह खान के अलावा जिन आरोपियों को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई.

सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड ने विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.

ये भी पढ़ें : गौतम गंभीर के रिटायरमेंट पर AAP का बड़ा हमला, कहा- जमीन वालों से पाला पड़ा, इसलिए हवा वाले भाग गए

नई दिल्ली: दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया है. हाईकोर्ट अग्रिम जमानत याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा. अमानतुल्लाह खान ने ट्रायल कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

बता दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1 मार्च को अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर कर दी थी. सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अमानतुल्लाह खान को अगर अग्रिम जमानत दी गई तो वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे. ईडी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी ने कहा था कि छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं.

अमानतुल्लाह खान की ओर से पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा था कि एक ही मामले में दो एफआईआर दर्ज किए गए हैं. सीबीआई ने 23 नवंबर 2026 को पहली एफआईआर दर्ज की थी. आरोप ये है कि अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन गलत तरीके से नियुक्त किया गया. सीबीआई ने इस मामले को ये कहते हुए बंद कर दिया कि ये प्रशासनिक गड़बड़ी है. गुरुस्वामी ने कहा कि ये निर्विवाद कानून है कि एक ही मामले के लिए दो एफआईआर दर्ज नहीं किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा था कि दोनों ही मामलों में जमानत के आदेश में साफ कहा गया है कि राजकोष को कोई नुकसान नहीं हुआ.

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राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है. ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल किया था. करीब पांच हजार पेजों के चार्जशीट में ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर को आरोपी बनाया है. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया है.

ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है. ईडी के मुताबिक आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपए की एंट्री की गई है. जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची. जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी.

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इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. सीबीआई ने अमानतुल्लाह खान के अलावा जिन आरोपियों को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई.

सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड ने विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.

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