नई दिल्ली: दिल्ली वालों के बकाए पानी बिल माफी को लेकर बीते कुछ दिनों से आंदोलन कर रही आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल को लेकर बड़ी बात कही है. मंगलवार को विधानसभा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के 26 लाख जल बोर्ड के उपभोक्ताओं में से करीब 10.50 लाख लोगों के पानी का बिल गड़बड़ पाए जाने पर सरकार उनके लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लेकर आने वाली है, लेकिन अधिकारी इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं और यह बिना उपराज्यपाल की सहमति से संभव नहीं है.
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि 13 जनवरी को जल बोर्ड की मीटिंग में बकाए पानी के बिल माफ करने को लेकर फैसला ले लिया गया था. अधिकारियों को कैबिनेट नोट बनाकर तभी देने बोला गया था, लेकिन तब से लेकर आज तक कई बार रिमाइंडर करने के बावजूद फाइनेंस विभाग के सेक्रेटरी उस पर अपना नोट नहीं दे रहे हैं. सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि अधिकारी के इस रवैए की जानकारी 15 फरवरी को विधानसभा में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भी दी गई थी. उस समय मुख्यमंत्री भी साथ थे. तब उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया था कि वह इस मामले को देखेंगे.
उन्होंने कहा कि इस बात के कई दिन हो गए, ना ही उपराज्यपाल कार्यालय से और ना ही अधिकारी वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. जिसके चलते यह स्कीम लागू नहीं हो पा रही है. अंत में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब सरकार ने तय किया है कि इसी सप्ताह के अंत में कैबिनेट की मीटिंग बुलाई जाएगी. उन्होंने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को इसकी जानकारी भी दे दी है कि वह मीटिंग में कैबिनेट नोट प्रस्तुत करें. सौरभ भारद्वाज का कहना है कि बिना एलजी के शह के अधिकारी इतनी हिम्मत नहीं कर सकते हैं.
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बता दें कि पानी के बिल को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक विधानसभा में भी कई बार मुद्दा उठा चुके हैं. उन्होंने प्रदर्शन किया है और बिल की प्रति भी जलाई है. बीते रविवार को पार्टी कार्यालय में मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया था. मंगलवार को भी आप के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार ने इस तरह तैयार किया है वन टाइम सेटलमेंट स्कीम
दिल्ली सरकार ने 2023 के जून के महीने में दिल्ली जल बोर्ड ने एक वैज्ञानिक तरीके से कंप्यूटराइज वन टाइम सेटलमेंट स्कीम बनाई थी, जिसमें पुराने बढ़े हुए बिलों को एक बार में सेटलमेंट करने का एक फार्मूला तैयार किया गया था. करीब साढ़े 10 लाख कंज्यूमर जिनके बिलों पर कुछ ना कुछ विवाद है. उन्होंने अपने बिलों का भुगतान नहीं किया था, उनके पानी की खपत के असली बिलों को निकाल कर बिल जनरेट करने का प्रावधान रखा गया था और उनको सेटलमेंट के लिए वन टाइम ऑफर का प्रावधान रखा गया था. अगर किसी का पुराना बिल दो लाख रुपए का है और सेटलमेंट में उसको कहा जाता है कि वह 30,000 रुपये जमा कर दे तो उसका पुराना सारा बिल क्लियर हो जाएगा और जीरो से उसके बिल की शुरुआत हो जाएगी. यह पॉलिसी दिल्ली जल बोर्ड के द्वारा पास कर दी गई थी मगर कुछ अफसरों के कारण इस पॉलिसी को कैबिनेट में नहीं लाया जा रहा है.
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