नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस इन दिनों आम आदमी पार्टी के नेताओं पर हमला बोलने के मूड में दिख रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने केजरीवाल सरकार के बाद, अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को आड़े हाथों लिया है. दरअसल सर्दियों में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के पर्यावरण विभाग ने 14 सूत्रीय कार्यक्रम तैयार किया है, जिसके लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय लगातार मीटिंग भी कर रहे हैं. प्रदूषण से निपटने को तैयार योजना पर देवेंद्र यादव ने बड़े सवाल खड़े किए हैं.
एक्शन प्लान को अमल में लाने में नाकामयाब रही सरकार: देवेंद्र यादव ने कहा कि जिस विंटर एक्शन प्लान को लागू करने की घोषणा की गई, उसे आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले 10 सालों से अमल में लाने में नाकाम रही है. ऑड-इवन, रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ, और स्मॉग टावर जैसी योजनाओं को लागू करने के बावजूद सर्दियों में दिल्ली का एक्यूआई 100 से ऊपर ही रहता है.
इस बार भी कुछ नया नहीं: उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से इस मामले पर हस्तक्षेप करने की गुहार भी लगाई है. उन्होंने कहा कि गोपाल राय की ओर से जिन 14 सूत्रीय प्वाइंट धूल कण, वाहन प्रदूषण, टूटी सड़कों के धूल, पराली जलाना, खुले में कचरा जलाना, औद्योगिक प्रदूषण, पटाखों पर प्रतिबंध, ग्रीन वॉर रूम और ग्रीन ऐप, हॉट स्पॉट, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) समेत आदि को लागू करने की घोषणा की है, उसमें नया कुछ नहीं है. दिल्ली सरकार हर साल इनपर काम करती है, लेकिन फिर भी वह जानलेवा प्रदूषण को नियंत्रित करने में नाकाम रही है. प्रदूषण से जुड़ी एक स्टडी की मानें तो एयर पॉल्युशन की वजह से दिल्ली में बच्चों की आयु सीमा 12 साल तक कम हो गई है.
पूरा फंड नहीं किया गया खर्च: देवेंद्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिले 742.69 करोड़ फंड में से सिर्फ 29 फीसदी ही खर्च कर पाई है. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के लिए 10 सालों में कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए गए. 24 करोड़ की लागत से बनाए स्मॉग टावर काम नहीं कर रहे है. उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर सहित तमाम एक्सपर्ट से चर्चा हर साल की जाती है. साथ ही पिछले कई सालों से कृत्रिम वर्षा की भी बात की जा रही है. गोपाल राय को इन सबका जवाब देना चाहिए.
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प्रदूषण में टॉप पर कैसे दिल्ली: उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल सरकार शुद्ध पर्यावरण की बात करते हुए कहती है कि 2016 में साफ हवा वाले दिनों की संख्या 110 दिन थी जो 2023 में बढ़कर 206 दिन हो गई. अगर आंकड़े सही हैं तो अक्टूबर 2023 से मध्य फरवरी 2024 तक दिल्ली प्रदूषण के मामले में विश्व में टॉप नंबर पर कैसे आया. केजरीवाल सरकार की उपलब्धि है कि राजधानी खतरनाक जानलेवा प्रदूषण के मामले में भी टॉप पर रहती है. और तो और पिछले दिनों पर्यावरण विभाग की नाकामी की वजह से एक महीने से ज्यादा समय तक 600 से अधिक पीयूसी सेंटर्स भी बंद रहे.
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